धर्म डेस्क। शारदीय नवरात्रि पर्व की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। जगह-जगह माता के दरबार सजाये जा रहे हैं। भक्ति, उल्लास एवं उत्सव का महापर्व शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर दिन बुधवार से प्रारंभ हो रहा है। आमतौर पर नवरात्रि का पर्व 9 दिनों का होता है, लेकिन इस साल नवरात्रि 9 दिन की बजाय 10 दिन की है। पुरे नवरात्रि में शक्ति की देवी मां दुर्गा के 9 स्वरूप की पूजा की जाती है। इसके साथ ही व्रत रखना भी शुभ होता है। देवी दुर्गा की पूजा के साथ-साथ कीर्तन, गरबा और जगराता आदि धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। दशहरा पर दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन होता है।
पंचांग के अनुसार इस बार शारदीय नवरात्रि में एक तिथि ( तृतीया तिथि ) की वृद्धि हुई है। इसलिए ज्योतिष गणना के अनुसार दो दिन 5 अक्टूबर और 6 अक्टूबर को तृतीया तिथि रहेगी। हालांकि कुछ पंचांगों में भिन्न मत दिया गया है। एक पंचांग में 11 अक्टूबर को अष्टमी और नवमी दोनों तिथि मानी गई हैं। ज्योतिषविदों के अनुसार 3 अक्टूबर से शुरू हुई नवरात्रि 12 अक्टूबर को समाप्त होने से ये नवरात्रि 10 दिन की मानी जाएगी।
वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार शारदीय नवरात्रि का आरंभ 3 अक्टूबर से होगा, जिसका समापन 12 अक्टूबर को दशहरा के दिन होगा। शारदीय नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना का मुहूर्त प्रात: काल 06 बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 22 मिनट तक है। इस बार शारदीय नवरात्रि में 3 दिन तो बेहद ही शुभ रहने वाले हैं। इसी समय सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का संयोग बन रहा है। इन योगों में की गई पूजा का कई गुना ज्यादा फल मिलता है और सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार शारदीय नवरात्रि के 9 दिन माता दुर्गा ने असुरराज महिषासुर से युद्ध किया था और नवरात्रि के आखिरी दिन महिषासुर का संहार किया था। इसलिलिये इस समय मां दुर्गा की पूजा करना शुभ माना जाता है। आज भी नवरात्रि पर्व अधर्म पर धर्म की और बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में मनाया जाता है। नवरात्रि में नियम-संयम का पालन बेहद आवश्यक माना जाता है।
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