लोकसभा चुनाव: शिवपाल यादव ने चली ऐसी चाल, बढ़ा दी बीजेपी की मुश्किलें

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लखनऊ. समाजवादी पार्टी से अलग होकर नई पार्टी प्रसपा बनाने वाले शिवपाल सिंह यादव ने आखिर दरियादिली दिखाई। कन्नौज से बहू डिंपल यादव के खिलाफ प्रसपा से जो उम्मीदवार उतारा था, उसने नामांकन ही नहीं कराया।

मंगलवार को पर्चा दाखिल करने का आखिरी दिन बीतने के बाद भी प्रसपा प्रत्याशी का नामांकन नहीं होने से सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। वहीं बीजेपी की मुश्किलें बढ़ गई । क्योंकि शिवपाल यादव की पार्टी से कैंडिडेट आने पर यादव कोर वोट में सेंध लगनी तय मानी जा रही थी। ऐसे में प्रत्याशी न होना बीजेपी के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी हो गई हैं।

शिवपाल ने मैनपुरी में बड़े भाई मुलायम के अलावा हर सीट पर सपा के खिलाफ प्रसपा का उम्मीदवार खड़ा करने की घोषणा की थी। कन्नौज से डिंपल यादव के खिलाफ सुनील कुमार राठौर को उम्मीदवार बनाया था। इटावा निवासी सुनील के नाम से दो अप्रैल को नामांकन पत्र भी लिया गया था, लेकिन इसे दाखिल ही नहीं किया गया।

हालांकि इसकी असली वजह सामने नहीं आ सकी है। प्रसपा जिलाध्यक्ष मुनीर कुरैशी ने बताया कि शीर्ष नेतृत्व से जानकारी दी गई कि कन्नौज से पार्टी उम्मीदवार का नामांकन नहीं होगा। इसके पीछे क्या वजह है, नहीं बता सकते।

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