सोनिया गांधी ने बताई मनरेगा की अहमियत, सरकार से की इसके जरिये लोगों की मदद की अपील

img

डेस्क। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोरोना त्रासदी के दौर में केंद्र सरकार को मनरेगा की अहमियत बताई है। एक अंग्रेजी अखबार में लिखे अपने लेख में सोनिया ने कहा है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) 2005, मौलिक और तर्कसंगत प्रणालीगत बदलावों का एक उदाहरण है। इसने बेहद ग़रीब तक सत्ता हस्तांतरित की है और उन्हें भूख एवं बेबसी से बचाया है। मनरेगा का इस्तेमाल करते हुए संकट के इस दौर में भारत के लोगों की मदद करनी चाहिए।

सोनिया गांधी ने लिखा है कि अस्तित्व में आने के बाद से ही मनरेगा ने अपनी अहमियत साबित किया है। मौजूदा सरकार में भी मनरेगा ने अपना होना साबित कर दिया है। इस सरकार ने इसे बदनाम किया, खोखला किया, लेकिन बाद में बेरुख़ी से इस पर भरोसा किया। सोनिया ने अपने लेख में कांग्रेस सरकार की बनाई सार्वजनिक वितरण प्रणाली की अहमियत पर भी बल दिया है। उन्होंने लिखा है कि यह कोरोना काल में ग़रीबों और सबसे कमज़ोर नागरिकों को भुखमरी और बेबसी से बचाने में एक आधार का काम कर रहा है।

अपने लेख में सोनिया गांधी लिखती हैं कि सिविल सोसाइटी के वर्षों के संघर्षों के बाद मनरेगा को सितंबर 2005 में अधिसूचित कर एक क़ानून बनाया गया। कांग्रेस ने उनकी आवाज़ों को सुना। लेकिन मोदी सरकार ने मनरेगा को कई प्रकार से कमज़ोर करने का काम किया।
उन्होंने मोदी सरकार से अपील करते हुए लिखा है कि यह न तो बीजेपी बनाम कांग्रेस का मुद्दा है और न ही राजनीति करने का समय। मनरेगा का इस्तेमाल करते हुए कोरोना त्रासदी में भारत के लोगों की मदद की जानी चाहिए।

Related News