इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजार की स्थिति मुख्य रूप से दो बड़े कारकों पर निर्भर करेगी: अमेरिका की फेडरल रिजर्व की नीतिगत बैठक और थोक मूल्य सूचकांक (WPI) के ताज़ा आंकड़े। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत-अमेरिका के बीच व्यापार से जुड़ी कोई भी नई खबर भी बाजार की चाल को प्रभावित कर सकती है।
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च प्रमुख संतोष मीणा के अनुसार, 17 सितंबर को अमेरिका की फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की बैठक का परिणाम बहुत महत्वपूर्ण होगा। अमेरिकी रोजगार बाजार में मंदी के संकेत मिलने के कारण बाजार को ब्याज दरों में कम से कम 0.25 प्रतिशत कटौती की उम्मीद है।
पिछले हफ्ते बीएसई सेंसेक्स ने 1.47 प्रतिशत और निफ्टी ने 1.50 प्रतिशत की बढ़त दिखाई। शुक्रवार को निफ्टी लगातार आठवें दिन बढ़त पर रहा, जबकि सेंसेक्स ने पांचवें दिन लगातार फायदा दर्ज किया।
इसके अलावा, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) के निवेश प्रवाह और रुपये-डॉलर की विनिमय दर के साथ कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव भी बाजार की दिशा में अहम भूमिका निभाएंगे। एनरिच मनी के सीईओ पोनमुडी आर ने बताया कि वैश्विक बाजारों में फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद के कारण जोखिम लेने का रुख बढ़ रहा है, जो घरेलू बाजार के लिए सकारात्मक संकेत है।
मोतीलाल ओसवाल के रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका का मानना है कि इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजार में धीमी लेकिन लगातार तेजी देखने को मिल सकती है। जीएसटी कटौती के बाद उपभोक्ता मांग में वृद्धि, अमेरिकी ब्याज दरों में संभावित कटौती और भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता के बेहतर होने की उम्मीद बाजार के समर्थन में रहेगी।
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