Up kiran,Digital Desk : लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र स्थित अहिमामऊ की स्वास्तिका सिटी कॉलोनी में रास्ते पर कब्जे को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। इस मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह, जौनपुर के विकास खंड महाराजगंज की ब्लॉक प्रमुख मांडवी सिंह के पति विनय सिंह और उनके सरकारी गनर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मामले में एकतरफा कार्रवाई के आरोपों के बाद पुलिस आयुक्त ने सुशांत गोल्फ सिटी थाने के इंस्पेक्टर उपेंद्र सिंह को लाइन हाजिर कर दिया है।
20 साल पुराने रास्ते को बंद करने का आरोप
स्वास्तिका सिटी निवासी कौशल तिवारी के अनुसार, उनके बगल में विनय सिंह ने अपनी पत्नी मांडवी सिंह के नाम पर लगभग 4500 वर्ग फीट जमीन खरीदी थी। बैनामे में दक्षिण दिशा में 20 फीट चौड़ा रास्ता दर्ज है, जिसका इस्तेमाल पिछले करीब 20 वर्षों से कॉलोनीवासी आवागमन के लिए करते आ रहे हैं। आरोप है कि सोमवार को विनय सिंह ने उसी मुख्य रास्ते पर ईंट की दीवार खड़ी कर रास्ता बंद करने की कोशिश की।
हथियारबंद लोगों के साथ पहुंचे, धमकी का आरोप
कॉलोनीवासियों का कहना है कि विनय सिंह दबंग प्रवृत्ति के हैं और उनके साथ सरकारी गनर के अलावा 8 से 10 हथियारबंद लोग मौजूद थे। विरोध करने पर कॉलोनी के लोगों को जान से मारने की धमकी दी गई। आरोप है कि विनय सिंह ने लाइसेंसी राइफल निकालकर कौशल तिवारी को दौड़ा लिया।
जातिसूचक गाली और मारपीट का आरोप
शिकायत में यह भी कहा गया है कि विनय सिंह के सरकारी गनर ने कॉलोनी निवासी रामू को जातिसूचक गालियां दीं। वहीं विनय सिंह ने खुद रामू की पिटाई कर दी, जिससे वह बेहोश हो गया। घटना के बाद कॉलोनी में दहशत का माहौल है।
पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप
कॉलोनीवासियों का आरोप है कि स्थानीय पुलिस विनय सिंह के प्रभाव में काम कर रही थी। पुलिस ने पहले विनय सिंह की तहरीर पर उल्टा कौशल तिवारी, धीरेंद्र मणि त्रिपाठी और 15 अज्ञात कॉलोनीवासियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। इसके बाद पीड़ित पक्ष ने पुलिस आयुक्त से मुलाकात कर शिकायत की, तब जाकर उनकी रिपोर्ट दर्ज हुई।
विरोध के दौरान धनंजय सिंह को किया फोन
स्थानीय लोगों का कहना है कि विरोध के दौरान विनय सिंह ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह को फोन मिलाया और कॉलोनी के लोगों से बात कराने की कोशिश की। लोगों ने बात करने से इनकार कर दिया। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
इंस्पेक्टर पर गंभीर आरोप
पीड़ितों ने इंस्पेक्टर उपेंद्र सिंह पर अभद्रता के भी आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि जब वे अवैध कब्जे की शिकायत लेकर थाने पहुंचे तो इंस्पेक्टर ने प्रार्थना पत्र फाड़कर फेंक दिया और डांटकर भगा दिया। बाद में उसी रात शिकायतकर्ताओं के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस आयुक्त ने इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर कर दिया है।




