भारतीय पीएम मोदी अपने आकास्मिक फैसले के लिए जाने जाते हैं। चिकित्सक हर्षवर्धन के इस्तीफे के उपरांत मोदी कैबिनेट में दिल्ली से मीनाक्षी लेखी (Meenakshi Lekhi) को बड़ी जिम्मेदारी गई है। जो कि एक चौंकाने वाला फैसला था।
शीर्ष अदालत की होनहार और काबिल अधिवक्ता मीनाक्षी जब औपचारिक तौर पर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुईं तो उन्हें महिला मोर्चा के उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई किंतु हिन्दी और अंग्रेजी भाषा पर समान अधिकार को देखते हुए 2013 में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बना दिया गया। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
भारतीय जनता पार्टी ने जब 2014 में उन्हें नई दिल्ली सीट से प्रत्याशी बनाया तो उनके सामने उस वक्त के कैबिनेट मंत्री अजय माकन थे। किंतु मीनाक्षी ने बेहद हमलावर अंदाज में चुनाव लड़ा और हाल ये हुआ कि माकन चुनाव हार गए।
सांसद बनने के बाद लेखी संसद में निरंतर सक्रिय रहीं। ट्रिपल तलाक से लेकर हर अहम मामले पर लोकसभा में होने वाली बहस में उन्होंने अपने ही अंदाज में सरकार का पक्ष रखा। अहम बात ये है कि उन्होंने ही प्रधानमंत्री आवास वाली सड़क रेसकोर्स का नाम बदलकर लोक कल्याण मार्ग रखने का सुझाव दिया। ये सुझाव भारतीय पीए मोदी को भी पसंद आया और न सिर्फ उस मार्ग का बल्कि उसके बाद कई और मार्गों का नाम भी बदला गया।