जैसे ही भारतीय जनता पार्टी के सीनियर नेता-2022 के विधानसभा इलेक्शनों में पार्टी की संभावनाओं का आंकलन करने यूपी पहुंचे, दिलचस्प तौर पर मीडिया के कुछ हिस्सों में अटकलें लगने लगीं कि योगी रहेंगे या जाएंगे। मगर यूपी मुख्यमंत्री योगी ने बिना वक्त गंवाए इंटरव्यू देकर इन झूठी बातों को दरकिनार कर दिया।
ठीक इसी वक्त कर्नाटक में सीएम बीएस येदियुरप्पा के भविष्य को लेकर भी अफवाहों ने जोर पकड़ा। मगर यहां भी येदियुरप्पा ने ये बोलकर इनकी हवा निकाल दी कि जब पार्टी नेतृत्व चाहेगा वो इस्तीफा दे देंगे।
मोदी के पीएम बनते से पहले भारतीय जनता पार्टी ने एक बड़ा पाठ सीखा था। वो पाठ था कि बड़े कद वाले नेताओं को जब चाहे तब कुर्बान नहीं किया जा सकता। सन् 2011 में औरों से ज्यादा आक्रमक दिखने और ऐंटी करप्शन इमेज को चमकाने के फेर में येदियुरप्पा को कुर्बान कर दिया गया।
जबकि येदियुरप्पा के ही बल पर भाजपा साउथ इंडिया में एक ताकत बनकर उभरी थी। भाजपा को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी थी। अब वो यही गलती उत्तर प्रदेश में नहीं दोहराना चाहती। बीते 4 सालों से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे योगी के भी जनता में चाहने वाले बन गए हैं। उत्तर प्रदेश में मोदी की लोकप्रियता के साथ-साथ ये तथ्य भी महत्वपूर्ण होने वाला है।