अमेरिकी राष्ट्रपति के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई, लगे ये गंभीर आरोप, अब सदन में…

img

न्यूयॉर्क॥ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव पास कर दिया गया है। यह प्रस्ताव हाउस ऑफ रिप्रजंटेटिव में पास हुआ है। ट्रंप पर महाभियोग चलाने के लिए बुधवार को (स्थानीय समयानुसार) ऐतिहासिक और बहुप्रतीक्षित मतदान हुआ। डेमोक्रेटिक-बहुमत वाले सदन में 230 में से 197 वोट पक्ष में पड़े। अधिकतर सांसदों ने दोनों आर्टिकल पर यानी सत्ता के दुरुपयोग और कांग्रेस के काम में बाधा पहुंचाने पर महाभियोग चलाए जाने के पक्ष में मतदान किया। अमेरिकी इतिहास में ट्रंप तीसरे ऐसे राष्ट्रपति हैं जिनके खिलाफ महाभियोग आया।

बता दें कि इससे पहले ट्रंप ने प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी को एक पत्र लिख कर उनके खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया रोकने को कहा था। ट्रंप ने पेलोसी को लिखे एक पत्र में कहा था कि महाभियोग डेमोक्रेट सांसदों के शक्ति के अप्रत्याशित एवं असंवैधानिक दुरुपयोग को दर्शाता है। अमेरिकी विधायी इतिहास की लगभग ढाई शताब्दी में कभी ऐसा नहीं हुआ।

ट्रंप पर उच्च अपराधों और दुष्कर्म के आरोपों के अलावा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति को दो डेमोक्रेट नेताओं के खिलाफ जांच के लिए दबाव डालने के आरोप हैं। हालांकि ट्रंप ने अपने ऊपर लगे हर आरोप को सिरे से खारिज करते हुए आरोप लगाया कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि 2020 के चुनाव में उन्हें सत्ता से बाहर किया जा सके।

मतदान के बाद यह तय होगा कि ट्रंप पर लगे आरोपों को स्वीकार किया जाए या नहीं, और इसे रिपब्लिकन के नेतृत्व वाली सीनेट में ट्रंप को पद से हटाने का मामला चलाने के लिए भेजा जाए अथवा नहीं। ऐसा इसलिए क्योंकि 100 सदस्यों वाली सीनेट में ट्रंप की पार्टी के पास 53 सांसद हैं जबकि ट्रंप को सत्ता से बेदखल करने के लिए दो-तिहाई बहुमत चाहिए।

पढि़ए-BJP को नहीं थी आदित्य ठाकरे के इस बयान की उम्मीद? कीचड़ का जिक्र कर बोली ऐसी बात कि…

डेमोक्रेटिक पार्टी के बहुमत वाले निचले सदन में इस मुद्दे पर मतदान किया जा रहा है। अगर निचले सदन में प्रस्ताव साधारण बहुमत से पारित हो जाता है तो उसके बाद रिपब्लिकन पार्टी के बहुमत वाली सीनेट में ट्रंप के खिलाफ जांच शुरू होगी। अगर राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ दो तिहाई बहुमत के साथ अभियोग सिद्ध हो जाते हैं तो वह अमेरिकी इतिहास में महाभियोग की प्रक्रिया के चलते पद से हटाए जाने वाले पहले राष्ट्रपति होंगे। हालांकि, फिलहाल ऐसा हो पाना मुश्किल है।

हालांकि, ट्रंप और उनके सहयोगी इस पूरी जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाते रहे हैं। व्हाइट हाउस और कुछ रिपब्लिकन नेता इस ट्रायल को दो हफ्तो के भीतर खत्म करना चाहते हैं। अमरीका के इतिहास में केवल दो राष्ट्रपतियों, 1886 में एंड्रयू जॉनसन और 1998 में बिल क्लिंटन के खिलाफ महाभियोग लाया गया था, लेकिन उन्हें पद से हटाया नहीं जा सका।

1974 में राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन पर अपने एक विरोधी की जासूसी करने का आरोप लगा था। इसे वॉटरगेट स्कैंडल का नाम दिया गया था। लेकिन महाभियोग चलाने से पहले उन्होंने इस्तीफा दे दिया था क्योंकि उन्हें पता था कि मामला सीनेट तक पहुंचेगा और उन्हें इस्तीफा देना पड़ सकता है।

Related News