कुशीनगर, 05 सितम्बर । श्रीलंका से आने वाली प्रथम अंतर-राष्ट्रीय उड़ान के स्वागत को लेकर तैयारी जोर पकड़ गई है। उच्चाधिकारियों के दल के साथ समीक्षा करने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व केंद्रीय उड्डयन मंत्री हरदीप सिंग पूरी रविवार को कुशीनगर पहुंच रहे हैं।
इस एयरपोर्ट के प्रधानमंत्री की प्राथमिकता में आने के बाद से ही लोगों में उत्साह का माहौल है। साल 2010 में तत्कालीन मायावती सरकार ने ब्रिटिशकालीन एयरस्ट्रिप का विस्तार करने की सोची थी। जमीन अधिग्रहण के बाद पीपीपी मॉडल से इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की कोशिश परवान नही चढ़ी।
एयरपोर्ट के लिए रोष व प्रतिरोध के बीच 2010 में गांव शाहपुर, नरकटिया, बेलवा रामजस, भलुही मदारीपट्टी, पतया, नन्हाछपरा के किसानों ने अपनी भूमि सरकार को सौंप दी थी। बाद की अखिलेश सरकार ने एयरपोर्ट को खुद बनाने का फैसला किया और 190 करोड़ का बजट दिया।
इस बजट से चहारदीवारी, रन-वे, एप्रन एटीसी बिल्डिंग व अग्निशमन बिल्डिंग का कार्य हुआ। यूं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी इन्वेस्टर्स समिट व अप्रवासी भारतीय सम्मेलन में कुशीनगर एयरपोर्ट की ब्रांडिंग कर दी किन्तु जून 2020 में केंद्रीय कैबिनेट से एप्रूवल मिलने के बाद एयरपोर्ट अथार्टी आफ इंडिया, केंद्रीय नागर विमानन मंत्रालय, राज्य सरकार, जिला प्रशासन समेत जुड़े सभी विभाग तेज हो गए।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट पूर्ण बोहरा ने बताया कि ’30 सितम्बर के बाद एयरपोर्ट कभी भी उड़ान लैंडिंग व टेकऑफ के लिए पूरी तरह तैयार होगा। कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है। जिला प्रशासन सभी विभागों के बीच समन्वय बना कार्यों को पूरा कराने में लगा है।’