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Up kiran,Digital Desk : अभी तक दुनिया रूस-यूक्रेन की जमीनी लड़ाई देख रही थी, लेकिन अब यह जंग काले सागर की गहराइयों में उतर चुकी है और पहले से कहीं ज़्यादा खतरनाक हो गई है। वजह है यूक्रेन का नया 'समुद्री शैतान' - 'सी बेबी' (Sea Baby) ड्रोन, जो पानी के नीचे से चुपके से हमला करता है।

इस ड्रोन ने हाल ही में रूस के दो तेल टैंकरों पर ऐसा हमला किया है, जिससे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बौखला गए हैं। उन्होंने इसे "समुद्री डकैती" करार देते हुए ऐसी धमकी दी  जिसने पूरी दुनिया में चिंता की लहर दौड़ा दी है।

आखिर हुआ क्या है काला सागर में?

पिछले हफ्ते यूक्रेन की खुफिया एजेंसी (SBU) और नौसेना ने मिलकर रूस की 'शैडो फ्लीट' के दो बड़े तेल टैंकरों को निशाना बनाया। यह 'शैडो फ्लीट' रूस का वो छुपा हुआ जहाजी बेड़ा है, जिसका इस्तेमाल वह पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों से बचकर अपना तेल बेचने के लिए करता 

हमले के लिए यूक्रेन ने अपने सबसे आधुनिक 'सी बेबी' अंडरवाटर ड्रोन्स का इस्तेमाल किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये हमले इतने सटीक थे कि दोनों टैंकरों को भारी नुकसान पहुंचा है और वे अब काम करने की हालत में नहीं हैं। यह रूस की तेल से होने वाली कमाई पर एक बड़ा प्रहार है।

पुतिन की धमकी, जो पूरी दुनिया के लिए है

  1. "यह समुद्री डकैती है": पुतिन ने कहा कि तेल टैंकरों पर हमला करना डाका डालने जैसा है और रूस इसका करारा जवाब देगा।
  2. यूक्रेन को समंदर से काट देंगे: पुतिन ने धमकी दी है कि अगर ऐसे हमले जारी रहे, तो रूस, यूक्रेन को दुनिया के समुद्री रास्ते से पूरी तरह से अलग-थलग कर देगा। इसका मतलब कि रूस, यूक्रेन के बंदरगाहों और वहां आने-जाने वाले हर जहाज़ पर हमले तेज़ कर सकता है।
  3. समर्थन करने वाले देश भी निशाने पर? सबसे बड़ी और चिंताजनक बात यह है कि पुतिन ने उन देशों को भी चेताया है, जो यूक्रेन की मदद कर रहे हैं। उनके बयान से यह इशारा मिलता कि अगर हालात बिगड़े, तो इन देशों के जहाज भी रूस के निशाने पर आ सकते हैं।

निशाना बने टैंकरों की कहानी

जिन दो टैंकरों पर हमला हुआ, उनमें एक का नाम 'विराट' (Virat) और दूसरे का 'कैरोस' (Karos) है। ये दोनों ही टैंकर पहले से अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों की सूची में थे। 'विराट' टैंकर पर तो दो दिनों में दो बार हमला किया गया। दूसरे टैंकर 'कैरोस' को इतना नुकसान पहुंचा कि उसके 25 क्रू सदस्यों को रेस्क्यू करना पड़ा।

यह घटना दिखाती है कि यूक्रेन अब सिर्फ बचाव नहीं कर रहा, बल्कि वह रूस को आर्थिक और सैन्य रूप से चोट पहुंचाने की क्षमता भी हासिल कर चुका है। यह जंग अब सिर्फ जमीन पर नहीं, बल्कि समंदर की लहरों पर भी लड़ी जा रही है, और इसका अगला मोड़ क्या होगा, इस पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं।