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Up kiran,Digital Desk : सोचिए, 239 लोगों से भरा एक हवाई जहाज दुनिया के सबसे आधुनिक दौर में उड़ान भरता है और फिर हवा में ही कहीं खो जाता है। न कोई सिग्नल, न कोई मलबा, न कोई सुराग। यह कहानी है मलेशियन एयरलाइंस की फ्लाइट MH370 की, जो आज भी दुनिया का सबसे बड़ा और अनसुलझा हवाई रहस्य बनी हुई है। लेकिन अब, 11 साल के लंबे इंतज़ार के बाद, इस रहस्य से पर्दा उठाने की एक और बड़ी और शायद आखिरी कोशिश शुरू होने जा रही है।

30 दिसंबर से शुरू होगी अब तक की सबसे हाई-टेक खोज

मलेशिया सरकार ने ऐलान किया है कि 30 दिसंबर से लापता विमान MH370 की खोज फिर से शुरू की जाएगी। इस बार इस नामुमकिन से मिशन को मुमकिन बनाने का जिम्मा उठाएगी अमेरिका की मशहूर रोबोटिक कंपनी 'ओशियन इन्फिनिटी' (Ocean Infinity)।

यह कंपनी अपने अत्याधुनिक रोबोट्स और पनडुब्बियों के जरिए हिंद महासागर की उन गहराइयों को छानेगी, जहाँ आज तक इंसान नहीं पहुँच पाया है। यह खोज अभियान लगभग 50 दिनों तक चलेगा, जिसका एक ही मकसद है - विमान के मलबे या उससे जुड़ा कोई भी अवशेष ढूंढ निकालना।

इस डील में क्या है खास?

इस खोज की सबसे दिलचस्प बात मलेशिया सरकार और 'ओशियन इन्फिनिटी' के बीच हुई डील है। यह डील "नो फाइंड, नो फी" (No Find, No Fee) के आधार पर हुई है। इसका मतलब है कि अगर कंपनी को विमान का कोई भी हिस्सा या मलबा नहीं मिलता, तो मलेशिया सरकार उसे इस काम के लिए कोई पैसा नहीं देगी। यह कंपनी के आत्मविश्वास को दिखाता है कि वे इस रहस्य को सुलझा सकते हैं।

एक नज़र उस मनहूस दिन पर: 8 मार्च 2014

मलेशियन एयरलाइंस की फ्लाइट MH370 ने मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर से चीन के बीजिंग के लिए उड़ान भरी थी। विमान में 227 यात्री और 12 क्रू सदस्य सवार थे। उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद विमान एयर ट्रैफिक कंट्रोल के रडार से अचानक गायब हो गया। किसी ने विमान का ट्रांसपॉन्डर (सिग्नल भेजने वाला उपकरण) बंद कर दिया था, जिससे उसकी आखिरी लोकेशन का पता ही नहीं चल पाया। महीनों तक चले दुनिया के सबसे बड़े खोज अभियानों के बाद भी जब कुछ हाथ नहीं लगा, तो विमान में सवार सभी लोगों को मृत मान लिया गया था।

तो इतने सालों बाद यह खोज दोबारा क्यों?

इसकी सबसे बड़ी वजह हैं उन 239 लोगों के परिवार, जिन्होंने आज तक हार नहीं मानी है। वे लगातार सरकार पर खोज जारी रखने का दबाव बनाते रहे हैं। साथ ही, इसी साल 2024 में मलेशिया सरकार ने यह भी कहा था कि उन्हें विमान के लापता होने से जुड़े कुछ नए सबूत हाथ लगे हैं, जिसके बाद जांच फिर से शुरू करने पर विचार किया जा रहा है।

यह खोज सिर्फ एक विमान के मलबे की नहीं है, बल्कि यह उन 239 परिवारों के लिए उम्मीद की एक किरण है, जो 11 सालों से सिर्फ एक जवाब का इंतज़ार कर रहे हैं - “आखिर हुआ क्या था?”