लखनऊ। सीएम योगी आदित्यनाथ भ्रस्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं। लेकिन भ्रष्टतंत्र सीएम योगी की कोशिशों पर बट्टा लगाता हुआ नजर आ रहा है। मामला सूबे के अहम माने जाने वाले आबकारी विभाग का है जहाँ भ्रष्टाचार का नंगा नाच खेला जा रहा है, वो भी तब, जब विभाग में एक ईमानदार प्रमुख सचिव तैनात है। प्रकरण प्रदेश की राजधानी लखनऊ से जुड़ा है जहाँ अभी हाल ही में भ्रष्टाचार में लिप्त जिला आबकारी अधिकारी जनार्दन यादव् और चार आबकारी निरीक्षकों को न्यायालय की फटकार के बाद हटा दिया गया था। इस मामले में सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। मामला अभी ठंढा भी नहीं हुआ कि भ्रष्ट अधिकारीयों का काकस फिर सक्रिय हो उठा है। नजर है लखनऊ के जिला आबकारी पद और चार आबकारी निरीक्षकों के रिक्त हुए स्थानों पर।
आपको जानकार हैरानी होगी कि भ्रष्ट अधिकारियों का लामबंद समूह या यूँ कह लें कि गिरोह के तार जिला से लेकर शासन तक जुड़े हुवे हैं। सूत्रों की मानें तो ये सारा खेल विभागीय मंत्री की नाक के नीचे हो रहा है। हालाँकि भ्रष्ट अफसरों का ये गठजोड़ अपनी इस साजिश में कितना कामयाब होता है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। हालाँकि आबकारी विभाग में तेज तार्रारत और साफसुथरी छवि वाले ईमानदार आईएएस अफसर संजय भूसरेड्डी वर्तमान में प्रमुख सचिव के पद पर तैनात हैं जो इन भ्रष्ट अधिकारियों के मार्ग में रोड़ा बने हुए हैं।
विभाग के भ्रष्ट आबकारी अधिकारी सुदर्शन सिंह जिन्हे आजमगढ़ शराब कांड में दोषी पाए जाने के बाद हटाकर महत्वहीन पद पर कानपुर में तैनाती दी गयी थी, अब लखनऊ जैसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण जिले का प्रभार पाने के लिए एड़ी से छोटी का जोर लगाए हुए हैं। सूत्रों की माने तो सुदर्शन सिंह को लखनऊ में तैनाती करवाने के लिए विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों का ये ग्रुप शासन से लेकर विभागीय मंत्री तक लगातार पकड़ को मजबूत बनाये हुए है। इतना ही नहीं जिला आबकारी पद के साथ-साथ रिक्त हुए चार आबकारी निरीक्षकों के पर भी इनकी नजर है।