नई दिल्ली। गाजियाबाद में रहने वाली एक मां ने अपनी बेटी को जिन्दा रखने के लिए उसके ब्रेन डेड होने पर उसके अंगों को एम्स में दान करने का फैसला लिया। मां के इस फैसले से चार लोगों की जिंदगी बच गई। बेटी के अंगदान के बाद एक बातचीत में मां ने कहा कि वह अपनी बेटी का कन्यादान तो नहीं कर सकीं लेकिन बेटी के न रहने पर उसके अंग दान का फैसला कर चार लोगों को जीवन दान दिया है।
उन्होंने बताया कि उनकी ब्रेन डेड बेटी का दिल, दोनों किडनी और लिवर निकालकर गम्भीर मरीजों के शरीर में प्रत्यारोपित कर दिया गया है जिससे उन्हें एक नई जिंदगी मिल गई। बता दें कि गाजियाबाद निवासी 18 वर्षीय लता बीते कुछ महीने से दिमागी टीबी नाम की बीमारी से पीड़ित थीं।
लता की मां दिव्या ने बताया कि परिवार में चार लोग थे। वह, उनकी बेटी, एक बेटा और उनके पति। वे लोग मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं। दिव्या ने बताया कि बीमार बेटी के इलाज के लिए वह पिछले कई महीनों से अस्पताल के चक्कर लगा रही थीं।
इलाज के बाद वह काफी हद तक ठीक भी हो गयी थी लेकिन कुछ दिन पहले डॉक्टरों ने उसके दिमाग में पानी भरने की बात बताई। इसी बाद बच्ची को बीते चार जनवरी को एम्स में एडमिट कराया गया। एम्स की ओर्बो विभाग की प्रमुख प्रोफेसर आरती विज के मुताबिक मंगलवार रात बच्ची ब्रेन डेड हो गई।
ऐसे में उसकी मां से एम्स की ओर्बो की टीम ने बात की तो और अंग दान के लिए कहा। डॉक्टरों की बात सुन दिव्या अपने बेटी का अंगदान करने को राजी हो गई। बच्ची की मां ने कहा कि उनकी बेटी के अंग किसी और के शरीर में जिंदा रहेंगे और उनकी जिंदगी बचाएंगे। इसके बाद बुधवार की सुबह उसके अंग निकाले गए।