गेहूं में घुन की तरह पिस रहा है ये देश, वजह भारत-पाकिस्तान

img

नई दिल्ली॥ अफ़़गानिस्ताऩ़ के पूर्व प्रेसिडेंट हामिद करजई ने दावा किया है कि हिंदुस्तान व पाकिस्तान के बीच दुर्भाग्यपूर्ण संबंधों का सबसे बुरा प्रभाव उनके देश पर पड़ा है। उन्होंने कहा कि अफ़़गानिस्ता’न के लिए दोनों देशों के बीच संतुलन बनाने की भयंकर चुनौती है।

करजई ने दिल्ली में आयोजित एक वैश्विक सम्मेलन के दौरान कहा कि हिंदुस्तान के साथ हमारे अच्छे संबंध हैं लेकिन इस वजह से पाकिस्तान के साथ हमारे संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। क्योकि वो हमारा भाई और दोस्त है। इस बात को आगे कैसे बढ़ाया जाए, यह समझाना मुश्किल है लेकिन हमें ऐसा ककरना ही होगा।

पूर्व प्रेसिडेंट ने बताया कि अफ़़गानिस्ताऩ़ का सबसे अच्छा दोस्त हिंदुस्तान है। हिंदुस्तान ने अफ़़गानिस्ताऩ़ में अपार योगदान दिया है, लेकिन पाकिस्तान जो प्रभाव अफ़़गानिस्ताऩ़ पर डाल सकता था, वह किसी अन्य देश से कहीं ज्यादा है। हम हिंदुस्तान के सर्वश्रेष्ठ दोस्त हैं लेकिन हम पाकिस्तान से भी कहना चाहते हैं कि हिंदुस्तान के साथ हमारा रिश्ता हमें उनके अच्छे भाई और दोस्त बनने से नहीं रोक सकता।

पूर्व प्रेसिडेंट ने कहा कि पाकिस्तान को लेकर हमारे देश के भीतर दो तरह की धारणा है। सोवियत इनवेशन के बाद जब हम रिफ्यूजी हुए तो पाकिस्तान के लोगों ने हमें खुले दिल से गले लगाया। लेकिन पाकिस्तान सरकार और उनके आतंकी संगठनों से एक गंभीर शिकायत है। ये सभी लोग चरमपंथ (आतंकवाद) को बढ़ावा देते हैं। मेरा निजी मत है कि हमें शांति प्रक्रिया बहाल करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।अफ़़गानिस्ताऩ़ के लिए कोई दूसरा रास्ता नहीं है। हमें शांति प्रक्रिया को सफल बनाना है।

पढ़िए-ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ बोले- टीम इंडिया में अगर ये खिलाड़ी होता तो जरूर टीम को जीत की राह पर ले जाता!

हमने देखा कि अफ़़गानिस्ताऩ़ में अमेरिका के दखल के फलस्वरुप आईएस और दइश संगठन की उत्पत्ति हुई। हमलोग चाहते हैं कि अमेरिका इस मुद्दे पर अपनी बात रखे। ये किसी और का युद्ध था, हमारा नहीं था। हम लोग किसी के प्रयोग का हिस्सा क्यों बने? क्योंकि इसके बदले में आफ’गानिस्ता’न को सबसे दुश्मनी मोल लेनी पड़ रही है। अमेरिका हमारे देश में आतंकवा’द की लड़ाई के नाम पर घुसा था लेकिन आज तक हम न तो आतंकवाद को हरा पाए हैं और न ही हमारे पास सुरक्षा है। इस वजह से अफ़़गानिस्ताऩ़ की अमेरिका के साथ गहरी आपत्ति है।

Related News