मायावती को विधानसभा चुनाव में दिया था ये ऑफर, इस वजह से नहीं मिला जवाब- Rahul Gandhi

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नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने दावा किया कि बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के दबाव और डर की वजह से उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ीं। उन्होंने कहा मायावती को वह मुख्यमंत्री बनाने को तैयार थे, उन्हें संदेश भी भिजवाया, लेकिन बसपा चीफ सीबीआई, ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों से इतनी डरी थीं कि उन्होंने मेसेज का जवाब तक नहीं दिया।

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ये बातें ‘द दलित ट्रुथ’ किताब की लॉन्चिंग पर दिल्ली के जवाहर भवन में कहीं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को जवाहर भवन में पूर्व आईएएस अधिकारी के राजू द्वारा संपादित निबंध संग्रह का विमोचन किया। यह पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया की ‘रीथिंकिंग इंडिया’ श्रृंखला का आठवां खंड है। उन्हों कहा संस्थान के बिना संविधान’ का कोई मतलब नहीं है क्योंकि संस्थान के बिना संविधान को लागू नहीं किया जा सकता।

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि देश के सबके सब संस्थान आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हाथों में हैं। उन्होंने मायावती का उदाहरण देते हुए कहा हमने मायावती को मेसेज दिया कि गठबंधन करिए, मुख्यमंत्री बनिए, उन्होंने बात तक नहीं की। सीबीआई और ईडी से डरती हैं वह। कांशीराम ने दलितों को आवाज दी, दलितों को जगाया लेकिन आज मायावती कहती हैं कि वह दलितों की आवाज के लिए नहीं लड़ेंगी।

वहीँ राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा संविधान पर यह आक्रमण उस दिन से शुरू हुआ था जब महात्मा गांधी की छाती में तीन गोलियां भेदी गईं। उन्होंने कहा कि आंबेडकर ने हमें संविधान जैसा अधिकार दिया मगर आज इसका कोई मतलब नहीं है, क्योंकि पैगासस, सीबीआई, ईडी आदि संस्थान मिलकर संविधान को लागू किए जाने से रोक रहे हैं।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक जनता के अंदर से आवाज नहीं निकलेगी संविधान अपना काम नहीं कर सकता। संविधान पर चोट यानी सीधी चोट देश के सबसे कमजोर आदमी पर पड़ती है। आज अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी का हाल देश में सबके सामने है। इनसे लड़ने की जरूरत है अंबेडकर ने, महागांधी ने जो रास्ता दिखाया था उस पर चलने की जरूरत है।

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