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Up Kiran, Digital Desk: भारत में गर्मी से राहत दिलाने वाली एकमात्र सबसे बड़ी उम्मीद होती है – मानसून। इस बार अच्छी खबर है- भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने घोषणा की है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून 27 मई को केरल में दस्तक दे सकता है यानी अपनी सामान्य तिथि (1 जून) से पूरे 5 दिन पहले।

केरल में मानसून की शुरुआत पूरे देश में वर्षा ऋतु की आधिकारिक शुरुआत मानी जाती है। इसका जल्दी आना न केवल आम लोगों के लिए राहत भरी खबर है बल्कि ये देश की कृषि व्यवस्था के लिए भी बेहद फायदेमंद संकेत है।

कृषि पर क्या होगा असर

मानसून का जल्दी आना खरीफ की फसल (जैसे धान, मक्का, सोयाबीन) की समय पर बुवाई की संभावना को बढ़ा देता है। इससे किसानों को मिट्टी में नमी मिलने का समय बढ़ता है। कीटनाशकों और उर्वरकों की योजना बेहतर बनती है। उपज बढ़ने की संभावना रहती है। IMD का कहना है कि यह पूर्वानुमान कृषि नीति-निर्माताओं और किसानों को जलवायु आधारित निर्णय लेने में मदद करता है।

आपके शहर में मानसून कब पहुंचेगा

आईएमडी ने कुछ प्रमुख शहरों में मानसून के संभावित आगमन की अनुमानित तिथियाँ जारी की हैं। इसके अनुसार, केरल में मानसून 27 मई को पहुंचेगा। तो वहीं चेन्नई और बेंगलुरु में 1 से 5 जून के बीच बारिश होने की संभावना है। हैदराबाद में मानसून 5 से 10 जून के बीच पहुंचेगा, जबकि मुंबई और कोलकाता में 10 से 15 जून के बीच बारिश हो सकती है। अहमदाबाद में मानसून 15 से 20 जून के बीच आने की संभावना है और दिल्ली व जयपुर में मानसून 25 से 30 जून के बीच पहुंच सकता है। इस सूची से यह साफ है कि दक्षिण भारत के शहरों में बारिश सबसे पहले पहुंचेगी। वही उत्तर भारत में मानसून का इंतजार थोड़ा लंबा होगा।

आईएमडी के मानसून पूर्वानुमान की सटीकता के बारे में बात करें तो केरल में मानसून के आगमन का पूर्वानुमान 2005 से अपने स्वदेशी सांख्यिकीय मॉडल के जरिए किया जा रहा है। इस मॉडल में ±4 दिनों का त्रुटि मार्जिन होता है और पिछले 20 वर्षों में इसकी सटीकता काफी बेहतर रही है, सिवाय 2015 के, जब मानसून की शुरुआत अनुमानित तिथि से थोड़ी देर से हुई थी। इस बार की भविष्यवाणी भी उसी मॉडल पर आधारित है, जिससे उम्मीद है कि यह अनुमान काफी हद तक सही साबित होगा।

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