Tokyo Olympic – 2020 : 23 जुलाई से 08 अगस्त 2021 तक खेल कुंभ

img

टोक्यो ओलंपिक – 2020 का आयोजन एक वर्ष की देरी से हो रहा है। पहले इसका आयोजन 24 जुलाई से 09 अगस्त 2020 के बीच होना था, लेकिन कोरोना त्रासदी के कारण टोक्यो ओलंपिक को एक साल के लिए टाल दिया गया था। अब टोक्यो ओलंपिक का आयोजन 23 जुलाई से 8 अगस्त के बीच हो रहा है। टोक्यो के खेलगांव में भारत समेत दुनिया के तमाम देशों के खिलाड़ियों का पहुंचना शुरू हो चुका है। ओलंपिक खेलों के लिए जापान के स्टेडियम काफी पहले से ही संवर गए थे। 

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते खतरे को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति से इस वैश्विक खेल आयोजन को स्थगित करने का आग्रह किया था। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने पीएम शिंजो आबे के आग्रह को स्वीकार करते हुए ओलंपिक को स्थगित करने का फैसला लिया था। बताते चलें कि कोरोना वायरस के चलते कनाडा और ऑस्ट्रेलिया पहले ही टोक्यो ओलंपिक से हटने की घोषणा कर चुके थे।

उल्लेखनीय है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद पहली बार ओलंपिक खेलों को स्थगित किया गया। कोरोना का प्रकोप काम होने के बाद जापान सरकार और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने तमाम मुद्दों पर विमर्श करने के बाद ओलंपिक खेलों के आयोजन को हरी झंडी दी। हालांकि जापान के अलावा किसी दूसरे देश के दर्शकों के टोक्यो जाकर इस खेल को देखने पर सख्त पाबंदी है। जापान पहले भी 3 बार ओलंपिक का आयोजिन कर चुका है।

टोक्यो ओलंपिक खेलों के शुभंकर को ‘मिराइतोवा’ और ‘सोमाइटी’ नाम दिया गया है। इसे ख़ास जापानी इंडिगो ब्लू रंग का पैटर्न दिया गया है। यह जापान की सांस्कृतिक परंपरा और आधुनिकता का प्रतिनिधित्व करते हैं। ‘मिराइतोवा’ जापानी कथाओं से प्रेरित है। इस जापानी शब्द मिराइतोवा में ‘मिराइ’ का अर्थ ‘भविष्य’ और तोवा का ‘अनंत काल’ होता है।

जापान ने टोक्यो ओलंपिक खेलों को ख़ास बनाने के लिए काफी कुछ किया है। खिलाड़ियों को दिए जाने वाले पदक पुराने इलेक्ट्रॉनिक सामानों और फ़ोन से बनाए हैं। आयोजकों ने इसके लिए फ़रवरी 2017 में जापान के लोगों से इलेक्ट्रॉनिक सामानों और फ़ोन दान करने की अपील की थी। पदक के पाश्व में टोक्यो ओलंपिक का लोगो लगा है, आगे स्टेडियम की तस्वीर के सामने विजय का प्रतीक माने जाने वाली ग्रीक देवी ‘नाइक’ को दर्शाया गया है।

Related News