हिमाचल में भारी बारिश और जलप्रलय के बाद चारों तरफ तबाही का मंजर है। पूरे साल पर पर्यटकों से गुलजार रहने वाला कुल्लू, मनाली भी प्राकृतिक आपदा की मार से वीरान दिखाई दे रहा है। यहां के लोगों में मायूसी छाई हुई है। सबसे ज्यादा नुकसान इस बार मंडी और कुल्लू, मनाली जिले में देखने को मिला है। जहां पर ब्यास नदी में आई बाढ़ ने पिछले कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
शनिवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसे राज्य में 50 साल में आई सबसे बड़ी त्रासदी बताया है। इसके साथ राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी बड़ी चोट पहुंची है। आर्थिक संकट से जूझ रहे हिमाचल में आई आपदा ने तबाही के साथ-साथ आर्थिक संकट को भी बढ़ा दिया है।
आपदा के बाद राज्य में राहत एवं बचाव कार्य, क्षतिग्रस्त सड़कों और परियोजनाओं का पुनर्निमाण और प्रभावितों की मदद करना सरकार की पहली प्राथमिकता है, लेकिन इन कामों के लिए सरकार को काफी धनराशि चाहिए। इसको लेकर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल आपदा कोष का गठन किया है।
साथ ही सभी लोगों से सहयोग करने की अपील की है। आपदा के बाद हिमाचल के क्या हालात हैं, ये किसी से छिपा नहीं है। एक ओर हिमाचल प्रकृति की मार से लड़ने को मजबूर हैं। वहीं हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण आई आपदा में फंसे लोगों और पर्यटकों को निकालने का रेस्क्यू अभियान पूरा हो गया है।
सुक्खू ने बताया कि प्रसासन ने लगभग 70 हजार पर्यटकों को सुरक्षित निकाल कर उनको अपने घर रवाना कर दिया है। अब लगभग 500 पर्यटक ही हिमाचल प्रदेश में स्वेच्छा से रुके हुए है। उन्हें खाने पीने और अन्य जरूरी चीजों उपलब्ध करवाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा बचे हुए क्षेत्रों में आवश्यक सेवाओं को जल्द से जल्द बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार की विभिन्न एजेंसियों, एनडीआरएफ, सेना आदि द्वारा इस आपदा में राहत एवं बचाव कार्यों को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए उनके प्रयासों की प्रशंसा भी की।
सीएम सुखविंदर सिंह ने सभी विधायकों से आपदा राहत कोष में 1 महीने की सैलरी देने की अपील की--
हिमाचल प्रदेश सरकार के शुरुआती आकलन के मुताबिक प्रदेश को चार हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि यह नुकसान आठ हजार करोड़ के पार जा सकता है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि ऐसी आपदा प्रदेश ने बीते 50 सालों में नहीं देखी।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस के सभी 40 विधायक आपदा राहत कोष में अपनी एक महीने की तनख्वाह दान करेंगे। इसके अलावा सरकार भारतीय जनता पार्टी के विधायकों से भी एक महीने की तनख्वाह दान करने का आग्रह करेगी। वहीं हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि बारिश के कारण भूंतर में बहुत नुकसान हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा नुकसान इतना ज्यादा है कि इसकी भरपाई करना बहुत कठिन है।
कई लोग बेघर हुए हैं। यहां ब्यास और पार्वती नदी मिलती है जिसके कराण मुख्य नुकसान हुआ है। कुल्लू में जहां बंद सड़कों को बहाल करने का लगातार कार्य किया जा रहा है। वहीं, पतलीकूहल से नग्गर सड़क पर भी वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है। इसके अलावा पतलीकूहल से रायसन होते हुए भी कुल्लू के लिए अब वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है। ऐसे में घाटी के लोगों ने राहत की सांस ली है। इसके अलावा जिला कुल्लू की अन्य बंद पड़ी सड़कों पर भी यातायात को शुरू करने की दिशा में लोक निर्माण विभाग के द्वारा कार्य किया जा रहा है।
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