मुंबई। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने मानवाधिकार रिकॉर्ड को लेकर गुरुवार को भारत की तीखी आलोचना की और कहा अल्पसंख्यकों की रक्षा करना भारत सरकार की जिम्मेदारी है। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख (UN Chief) ने भारत सरकार से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के मूल्यों का अभ्यास करने की अपील की ताकि समृद्ध विविधता वाले देश में सभी वर्गों के अधिकारों की रक्षा करके इसे अधिक मजबूत बनाया जा सके। दरअसल यूएन चीफ गुटेरेस भारत के आईआईटी-बॉम्बे (IIT Bombay) में एक सभा को संबोधित कर रहे थे।’
उन्होंने कहा “वैश्विक मंच पर भारत की आवाज समावेशिता और मानवाधिकारों के सम्मान के लिए मजबूत प्रतिबद्धता से ही अधिकार और विश्वसनीयता हासिल कर सकती है। ” उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा, “मानवाधिकार परिषद के एक निर्वाचित सदस्य के रूप में भारत पर अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकारों को आकार देने और अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों समेत सभी व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा करने की जिम्मेदारी है।'(UN Chief)
उन्होंने (UN Chief) भारत के अहिंसक स्वतंत्रता आंदोलन की तारीफ़ करते हुए कहा भारतीयों को “गांधी के मूल्यों” का अभ्यास करने और “सभी लोगों की गरिमा – विशेष रूप से सबसे कमजोर” को सुरक्षित और बनाए रखने के लिए प्रभावित किया है। एंटोनियो गुटेरेस ने “बहुसांस्कृतिक, बहु-धार्मिक और बहु-जातीय समाजों के विशाल मूल्य और योगदान को पहचानते हुए समावेश के लिए ठोस कार्रवाई” की आवश्यकता पर भी बल दिया।
आतंकवाद पर क्या बोले गुटेरेस?
अपनी यात्रा के पहले दिन गुटेरेस (UN Chief) ने मुंबई में हुए 26/11 के आतंकी हमले के पीड़ितों के स्मारक का दौरा किया। यहां न्होंने आतंकवाद के बारे में बात की और “आतंकवाद से लड़ना पृथ्वी पर हर देश के लिए वैश्विक प्राथमिकता होनी चाहिए। “(UN Chief)
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