गुजरात॥ प्रदेश में पिछले तीन दिन से बेमौसम बारिश से 142 तहसीलों में फसलों का काफी नुकसान हुआ है। इसी बीच गैर-मौसमी बारिश से किसानों का हुए नुकसान को लेकर मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने फसलों के नुकसान का सर्वेक्षण कराने और क्षति के आकलन के अनुसार किसानों को मुआवजा देने का ऐलान किया है।
प्रदेश की 142 तहसीलों में पिछले 24 घंटों में सबसे अधिक बारिश हुई, जिसमें सबसे अधिक दो इंच बारिश सूरत के उमरपड़ा में हुई है। उसके अलावा खेरगाम, उमरगाम, वापी, चिखली, सूरत शहर, वाघई, जाफराबाद, कामरेज आदि तहसीलों में भी आधा से दो इंच बारिश होने की खबर है।अमरेली व जाफराबाद में डेढ़ इंच और राजुला में एक इंच बारिश हुई। बारिश ने इस क्षेत्र में चना, जीरा, प्याज, कपास और सब्जी फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है। महिसागर,पंचमहल, गोधरा, हालोल, कलोल में भी बारिश हुई।
बेमौसम बारिश से फसलों के नुकसान को सरकार ने गंभीरता से लिया। मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने कहा है कि सरकार किसानों की परेशानियों को समझती है। इस जिन क्षेत्रों में बारिश से फसलों को हुए नुकसान का सरकार सर्वे करायेगी और सर्वे के अनुसार नुकसान के हिसाब से किसानों को फसल का मुआवजा दिया जायेगा।
प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में बेमौसम बारिश के संबंध में जूनागढ़ कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. वीपी चोवटीया ने कहा कि इस बारिश से चना की फसल को कम नुकसान होगा। जूनागढ़ में दर्ज की गई गैर-मौसमी बारिश से आम की फसल को सबसे अधिक नुकसान होगा, क्योंकि अब आम में फूल आने का समय है। उन्होंने कहा कि यदि और अधिक गैर-मौसमी वर्षा होती है, तो जीरा, धनिया और सर्दियों की फसलों को नुकसान होगा।
तरधाडिया कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ डीएस हिरपारा का कहना है कि अगर बारिश का पानी सर्दियों की फसल को छू ले तो फसल की वृद्धि रुक जाएगी। इसके लिए किसी भी फसल में मिट्टी, पानी और जलवायु 80 प्रतिशत महत्वपूर्ण होती है।