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जोशीमठ (चमोली)। विश्व धरोहर में शामिल उत्तराखंड की फूलों की घाटी को सोमवार को शीतकाल तक के लिए बंद कर दिया गया। कोरोना काल के बाद इस साल फूलों की घाटी (Valley of Flowers) में रिकॉर्ड संख्या में सैलानियों के पहुंचने से पहाड़ी काफी गुलजार रही है। बताया जा रहा है कि इस बार 20,827 देशी विदेशी पर्यटको ने घाटी का दीदार किया।

इस वर्ष घाटी में सबसे अधिक पर्यटकों के आने का रिकॉर्ड रहा। इसमें 280 विदेशी पर्यटक भी शामिल रहे। इससे वन विभाग को अब तक 31 लाख की आय हुई है। पिछला रिकॉर्ड यानी साल 2019 में 17424 पर्यटक यहां पहुंचे थे और वन विभाग को 27,60,825 रुपये की आय हुई थी। वहीं इस साल घाटी  (Valley of Flowers)में 20,827 सैलानी पहुंचे, जिसमें 280 विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं। यह अब तक घाटी में पहुंचने वाले पर्यटकों का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है।

मालूम हो कि 87.5 वर्ग किमी में फैली फूलों की घाटी (Valley of Flowers) रंग बिरंगे फूलों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विश्व विख्यात है। यहां के स्लोप पर्यटकों को बेहद आकर्षित करते हैं। घाटी पर्यटकों के लिए एक जून के खोली गई थी। कहा जाता है कि जो यहां एक बार आ जाता है वह बार-बार आना चाहता है।

घाटी में जुलाई से लेकर अक्टूबर तक 300 से अधिक प्रजाति के फूल खिलते हैं। यहां पोटोटिला, प्रिम्यूला, एनीमोन, एरिसीमा, एमोनाइटम, ब्लू पॉपी, मार्स मेरी गोल्ड, ब्रह्म कमल, फैन कमल जैसे कई फूल खिले रहते हैं।घाटी में दुर्लभ प्रजाति के जीव जंतु, वनस्पति व जड़ी बूटियों का भंडार भी है। विभिन्न प्रकार के फूल होने पर यहां तितलियों का भी संसार रहता है। यही सब सैलानियों को खूब लुभाता है। (Valley of Flowers)

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