महाभारत काल के महात्मा विदुर को बेहद कुशल नीतिज्ञ और ईमानदारी का प्रतीक माने जाते हैं। महात्मा विदुर समय-समय पर अपनी विवेक और बुद्धिमत्ता पूर्ण बातों से लोगों का मार्गदर्शन करते रहे हैं। उनकी ये बातें आज भी लोगों का मार्ग दर्शन करती है। जो लोग उनकी बताई बातों का सही से पालन करते हैं उन्हें कभी भी किसी मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ता है। विदुर नीति की ये कुछ बातें जिंदगी की हर जंग आसान बना देती है आइये जानते हैं उन बातों को।
- महात्मा विदुर का कहना है कि जिस धन को प्राप्त करने के लिए मन और अपना सिर झुकाने के लिए मजबूर होना पड़े। उसे प्राप्त करने का विचार ही त्याग देना ही बेहतर होता है।
- विदुर ने अपनी नीतियों में बताया है कि जो विश्वास पात्र न हो उस पर कभी भी भरोसा नहीं करना चाहिए और जो विश्वास के योग्य भी हो उस पर भी अधिक विश्वास नहीं करना चाहिए। भरोसे से उत्पन्न भय मूल उद्देश्यों को नष्ट कर देता है जिससे व्यक्ति परेशान हो जाता है।
- वे कहते हैं कि बुद्धिमान व्यक्ति के साथ अपराध करने वाले व्यक्ति को बहुत दूर जानें के बाद भी कभी भी चैन से नहीं बैठना चाहिए क्योंकि बुद्धिमान व्यक्ति के हाथ बहुत लम्बे होते है और कभी भी अपना बदला ले सकता है।
- महात्मा विदुर ने अपनी नीतियों में बताया है कि व्यक्ति आदर और सम्मान होने पर फूला नहीं समाता है और अपमान व अनादर होने पर क्रोधित नहीं होता है, जो गंगा कुंड की तरह शांत रहता है। वह व्यक्ति बहुत ज्ञानी होता है।
- मूढ़ चित वाला व्यक्ति बिना पूछे ही कही भी बोलने लगता है। ऐसा व्यक्ति बिना बुलाये घर के भीतर भी चला आता है। ऐसे व्यक्तिओं पर कभी भी विश्वास नहीं करना चाहिए।
- मनुष्य अकेला पाप करता है और बहुत से लोग उसका आनंद उठाते हैं लेकिन दोष का भागी सिर्फ पाप करने वाला ही होता है बाकी सब बच जाते हैं।
- विदुर नीति में कहा गया है कि किसी धनुर्धर के द्वारा छोड़ा गया बाण किसी को भी मौत के घाट उतार सकता है और नहीं भी, परंतु बुद्धिमान व्यक्ति के द्वारा प्रयुक्त की गई वाणी और बुद्धि राजा के साथ –साथ राष्ट्र का विनाश कर देती है।
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