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कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। भारत को लेकर झूठी बातें कहने के बाद एकतरफ भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया, वहीं फाइव आई सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय के भी निशाने पर आ गए। उनकी समस्या अभी खत्म भी नहीं होती कि अब बलूच मानवाधिकार परिषद ने भी उन्हें घेर लिया है। ट्रूडो के ऊपर तमाम तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं।

बलोच ह्यूमन राइट काउंसिल ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को एक बार फिर चिट्ठी लिखकर करीमा बलोच की मौत के बारे में सवाल पूछे हैं। इन सवालों के बीच अब भारत में भी तमाम लोग ये पता लगाने में जुट गए हैं कि आखिर यह करीमा बलोच कौन थी, जिसके बारे में अचानक से यह सवाल खड़े हो गए। तो चलिए आपको इस बारे में डिटेल में बताते हैं।

जानें कौन हैं करीमा बलोच

दरअसल, करीमा बलोच पाकिस्तान की हुकूमत से टक्कर लेने वाली महिला रहीं हैं, जिन्होंने बलूचिस्तान के लिए आवाज उठाई थी। उन्होंने बलूचिस्तान को पाकिस्तान से आजाद कराने की आवाज को पूरे प्रांत की आवाज बना दिया था। एक समय करीमा बलूचिस्तान आंदोलन का इतनी ऊंची हस्ती बन गई थीं कि पाकिस्तानी सरकार ने उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया। बलूचिस्तान आंदोलन से जुड़े लोग और करीमा के कई रिश्तेदार लापता हो गए, जो बाद में मृत पाए गए।

इल्जाम पाकिस्तान की सेना पर लगे और करीमा बलोच ने इन धमकियों के बीच पाकिस्तान छोड़ दिया और कनाडा में बस गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, करीमा बलोच कनाडा में रहकर भी चुप नहीं रहीं, बल्कि पाकिस्तान से बलूचिस्तान की स्वतंत्रता के आंदोलन को चिंगारी देने के लिए निरंतर मेहनत करती रहीं।

उनको कनाडा में भी निरंतर धमकियां मिल रहीं थीं और एक दिन वह लापता हो गई। उनका शव टोरंटो की ओन्टारियो नदी के पास मिला था। करीमा के परिजन पाकिस्तान पर करीमा की हत्या कराने का इल्जाम लगाते रहे मगर कनाडा पुलिस ने इसे सुसाइड बताकर केस बंद कर दिया।

हत्या के मामले में जस्टिन ट्रूडो सरकार घिरी

पुलिस के अनुसार, करीमा बलोच को आखिरी बार 20 दिसंबर 2020 को शाम 03:00 बजे देखा गया था। इसके बाद वो लापता हो गई थीं। इतनी बड़ी नेता की मौत पर कनाडा सरकार की ओर से कोई बयान तक नहीं आया था। अब जब आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का मुद्दा उठा है तो करीमा बलोच की मौत का मामला भी फिर से हर एक की जुबां पर आ गया है। बलूचिस्तान संगठन ने कनाडा में बलूचिस्तान की आजादी की बात करने वाली करीमा बलोच की संदिग्ध हत्या के मुद्दे को उठाते हुए जस्टिन ट्रूडो और उनकी सरकार को घेरा है। 

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