
बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त का जीवन काफी संघर्षों भरा रहा है। साल 1993 में हुए मुंबई हमलों के आरोप में जेल जाना पड़ा, नशे की लत और फिर कैंसर से जंग। हर जगह उन्होंने काफी संघर्ष किया। अपने संघर्ष के दिनों को लेकर बात करने से भी वे नहीं कतराते है। हाल के दिनों में एक्टर ने बताया कि उन्होंने कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का सामना कैसे किया था और जब पहली बार इसका पता चला था तो उन्होंने कैसे रिएक्ट किया था।
संजय दत्त कहते हैं कि कैंसर का पता चलने पर वह घंटों तक फूट-फूटकर रोए थे। उन्होंने कहा कि वो लॉकडाउन का समय था। सीढ़ियां चढ़ते हुए मुझे अचानक से सांस लेने में परेशानी होने लगी। इसके बाद जब मैं नहाया तो भी मुझे सांस लेने में दिक्कत हुई। मुझे पता था कि क्या हो रहा है इसलिए मैंने तत्काल अपने डॉक्टर को फोन किया।
इसके बाद मेरा एक्स-रे हुए तो पता चला कि मेरे आधे से ज्यादा फेफड़ों में पानी भर गया है। डॉक्टरों ने सलाह दी ये पानी निकालना था। उनका मानना था कि ये टीबीकी समस्या हो सकती है लेकिन जब जांच की गई तो रिपोर्ट में कैंसर निकला। उन्होंने कहा कि जब मुझे पता चला कि कैंसर है तो मैं अपने बच्चों, पत्नी और जिंदगी के बारे में सोच कर दो-तीन घंटों तक खूब रोया। उसके बाद मैंने सोचा नहीं मैं कमजोर नहीं पड़ सकता।
इसके बाद राकेश रोशन ने मुझे डॉक्टर के बारे में बताया और फिर मैंने उन मुलाकात की। संजय कहते हैं कि जब मैं डॉक्टर से मिला तो उन्होंने मुझे कहा कि आपको उल्टी होगी, बाल उड़ जाएंगे और भी बहुत कुछ होगा। इस पर मैंने डॉक्टर से कहा कि मेरे बाल नहीं उड़ेंगे। मेरी इस बात पर डॉक्टर भी हंसने लगी थी। अभिनेता ने बताया कि मैं दुबई में कीमोथेरेपी के लिए जाता था और फिर बैडमिंटन कोर्ट जाकर दो-तीन घंटे खेला करता था।
हालांकि ये एक तरह का पागलपन था लेकिन मैं ऐसा ही किया करता था। उन्होंने कहा कि कैंसर से लड़ने के लिए उससे डरना नहीं चाहिए बल्कि उसका डटकर सामना करना चाहिए। बता दें कि संजय दत्त हाल ही में रिलीज हुई प्रशांत नील द्वारा निर्देशित फिल्म ‘केजीएफ चैप्टर 2’ में नजर आ रहे हैं।