पेट्रोल-डीजल से मिले मुनाफे को कहाँ खर्च कर रही सरकार? पीेएम मोदी के मंत्री ने जनता को बताया

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केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने बताया है कि पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क (एक्साइज टैक्स) से प्राप्त राशि का कहां इस्तेमाल किया जा रहा है? उन्होंने कहा कि इसका इस्तेमाल बुनियादी सुविधाओं के विकास और अन्य विकास कार्यों के लिए किया जा रहा है। ये सूचना उन्होंने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में दी।

भारत में परिवहन और परिवहन की लागत पर पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के प्रभाव पर लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मौजूदा वित्तीय स्थिति को देखते हुए, बुनियादी ढांचे और अन्य विकास कार्यों के लिए संसाधन जुटाना। इसके लिए पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क तय किया गया है।

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केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने मंत्रालय की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि कुल परिवहन लागत पर पेट्रोल और डीजल की कीमत में वृद्धि का प्रभाव 34 प्रतिशत है। गडकरी ने यह भी कहा कि सड़क मार्ग से परिवहन की लागत कई अन्य कारकों पर भी निर्भर करती है। इनमें पूंजी, वेतन, बीमा, परमिट टैक्स, रखरखाव, ईंधन, टोल टैक्स और वाहन खरीदने पर होने वाले अन्य खर्च शामिल हैं।

गडकरी ने कहा कि मार्केट की स्थितियों और अतिरिक्त लागत को वहन करने की क्षमता के आधार पर, परिवहन कंपनियां ग्राहकों पर बढ़ी हुई लागत को पारित कर सकती हैं या नहीं भी कर सकती हैं। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण स्थानीय लॉकडाउन के कारण माल की आपूर्ति और उपलब्धता प्रभावित हुई है।

पिछले कुछ महीनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी उछाल आया है। देश के ज्यादातर हिस्सों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक हो गई है। डीजल की कीमतें भी 100 रुपए प्रति लीटर की ओर बढ़ रही हैं। इसको लेकर विपक्ष ने सरकार पर दबाव बनाया है। विपक्ष का इल्जाम है कि जब कोविड आपदा ने आम आदमी की आय को प्रभावित किया है तो सरकार पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ा रही है।

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