WHO प्रमुख ने कोरोना वायरस को रोकने के लिए कही ये बात, चीन ने जताया आभार  

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कोरोना वायरस को लेकर चीन के साथ अब पूरी दुनिया में कोहराम मचा हुआ है, जिसके चलते कई देश अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने में लगे हुए. आपको बता दें कि कई मुल्क को अब ये डर हो गया है कि उनके देश में इस तरीके की बीमारी न फ़ैल जाये, जिसके चलते सभी एयरपोर्ट पर चीन से आने वाले सभी यात्रियों की गहन जांच की जा रही हैं. इस बीच  विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख तेद्रोस ने भी इसको रोकने की मदद का आश्वासन दिया है.

गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख तेद्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने मंगलवार को कहा कि संगठन विदेशी नागरिकों को चीन के विषाणु संक्रमित प्रांत हुबेई से निकालने की अनुशंसा नहीं करता है। बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख तेद्रोस ने विश्व समुदाय से शांत रहने की भी अपील की। उनका बयान चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ बैठक के दौरान आया।

वहीँ आपको बता दें कि भारत, अमेरिका और कई अन्य देश हुबेई प्रांत से अपने नागरिकों को बाहर निकालने की योजना बना रहे हैं। हुबेई प्रांत में 250 से अधिक भारतीय हैं जिनमें अधिकतर छात्र, रिसर्च स्कॉलर और पेशेवर हैं। इस प्रांत की राजधानी वुहान है जहां खतरनाक कोरोना वायरस फैला हुआ है।

आपको बता दें कि इसके साथ ही तेद्रोस ने बीजिंग को आश्वासन दिया कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने में हरसंभव मदद करेंगे। उन्होंने विश्व समुदाय से कहा कि शांत रहें और महामारी के परिप्रेक्ष्य में ज्यादा प्रतिक्रिया नहीं दें जिससे चीन में सौ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। चीन में कोरोना वायरस के कारण मंगलवार को 24 और लोगों की मौत हो गई है जिससे मरने वालों की कुल संख्या 106 तक पहुंच गई है।

गौरतलब है कि महामारी के कारण न्यूमोनिया के 4515 मामलों की पुष्टि हुई है। तिब्बत को छोड़कर चीन के सभी प्रांतों में विषाणु के मामले सामने आए हैं जिससे स्वास्थ्य अधिकारियों के समक्ष इससे निपटने में बड़ी चुनौती पेश आ रही है। इसके साथ ही विदेशों में थाईलैंड में सात, जापान में तीन,दक्षिण कोरिया में तीन, अमेरिका में तीन, वियतनाम में दो, सिंगापुर में चार, मलेशिया में तीन, नेपाल में एक, फ्रांस में तीन, ऑस्ट्रेलिया में चार और श्रीलंका में एक नागरिक के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। 

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