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कोविड-19 आपदा के बाद पूरी दुनिया में टीकाकरण अभियान चलाया गया। टीकों के साथ-साथ कई भ्रांतियां भी आईं। मगर टीकाकरण के महत्व के बाद सभी देशों के नागरिकों को टीका लग गया। इसलिए दुनिया में कोरोना के प्रसार और प्रसार को कुछ हद तक रोकने में हर कोई सफल रहा है। मगर सरकार ने बूस्टर डोज लेने का अभियान भी चलाया ताकि दोबारा कोरोना न फैले। मगर पहले दो टीकों की तुलना में बूस्टर डोज लेने वालों की संख्या कम थी।

वहीं, अब डब्ल्यूएचओ यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बूस्टर डोज को लेकर एक अहम जानकारी दी है। उन्होंने वैक्सीनेशन गाइड से जानकारी दी है कि किन लोगों को बूस्टर डोज लेनी चाहिए।

वास्तव में बूस्टर खुराक की जरूरत किसे है?

नई WHO की रिपोर्ट के अनुसार, सिर्फ उच्च जोखिम वाले लोगों को ही कोविड-19 बूस्टर खुराक मिलनी चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि घनी आबादी वाले देशों में लोग कम से कम बीमारी से प्रभावित होते हैं क्योंकि उन देशों में लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है। उच्च जोखिम वाले लोगों को उनकी अंतिम खुराक के छह से 12 महीने बाद बूस्टर प्राप्त करना चाहिए। 

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