क्या मायावती के नेतृत्व को चुनौती दे पाएंगे भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर?

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लखनऊ। यूपी में कुछ दिनों से भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर का चर्चा जारों शोरो से है। चंद्रशेखर दलित राजनीति में बने समीकरण को अदलाबदली का मुद्दा रखते हैं? एक कार्यकर्ता से राजनेता के रूप में बदलाव के दौरान चंद्रशेखर अपनी छाप छोड़ पाएंगे?

वहीं ये सवाल तब उठे जब उन्होंने एक अलग राजनीतिक दल के गठन का ऐलान किया तो वहीं ऐसे संकेत हैं कि 2022 में यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव से वह अपने सियासी सफर का आगाज कर सकते हैं। जब से प्रदेश में मायावती ने दलित राजनीति पर अपना प्रभुत्व जमाया है, तब से लेकर अब तक यह पहला ऐसा राजनीतिक दल होगा जो प्रदेश में दलित राजनीति के नाम पर सामने आएगा।

चंद्रशेखर अब तक अलग-अलग आंदोलनों का चेहरा बने हैं। सोशल मीडिया पर भी वह दलितों के नेता के रूप में प्रॉजेक्ट हुए। हाल में जब पूरे देश में नया दलित नेतृत्च सामने आ रहा है, चंद्रशेखर भी दलित युवाओं के एक हिस्से के बीच पोस्टर बॉय बन कर उभरे हैं।

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