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इंडिया गठबंधन एकजुटता का संदेश देने में कामयाब दिख रहा है। लोकसभा इलेक्शन के बाद इंडिया गठबंधन की पहली रैली में घटक दल सरकार पर आक्रामक नजर आए। वहीं गठबंधन ने साफ कर दिया है कि सभी मतभेदों के बावजूद वे एकजुट हैं। सभी घटक दल एकजुट होकर भाजपा की अगुवाई वाली सरकार के विरूद्ध लड़ाई करेंगे। दिल्ली के रामलीला मैदान में संडे को हुई लोकतंत्र बचाओ रैली इंडिया गठबंधन की तीसरी संयुक्त रैली थी। इससे पहले गठबंधन पटना और मुंबई में रैली कर चुका है। इन दोनों रैलियों में गठबंधन के चुनिंदा घटक दल ही शामिल हुए थे।

वहीं दिल्ली रैली में लगभग सभी सियासी दल मौजूद रहे। सीट बंटवारे को लेकर आपसी नाराजगी के बीच ये बड़ा संदेश है। इस रैली में सबसे अधिक महत्वपूर्ण तृणमूल कांग्रेस की मौजूदगी रही। पश्चिम बंगाल में एकला चलो का ऐलान करने के बाद टीएमसी गठबंधन की पहली सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हुई है।

टीएमसी नेता डेरेक ओब्रायन ने इस बात पर खासा जोर दिया है कि तृणमूल इंडिया गठबंधन का हिस्सा है। इसके बाद राज्यसभा सांसद सागरिका घोष ने भी यह बात दोहराई तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी की तरफ से मैं कहना चाहती हूं कि ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस का पूरा समर्थन ममता बनर्जी का पूरा समर्थन अरविंद केजरीवाल जी के साथ है। आम आदमी पार्टी के साथ है।

जानें क्या कहते हैं चुनावी रणनीतिकार

रणनीतिकार के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस की मौजूदगी से ये साफ है कि स्थानीय स्तर पर भले ही चुनावी गठबंधन नहीं हो पाया हो, पर सरकार के विरूद्ध लड़ाई में सभी दल एकजुट हैं। इसी के साथ गठबंधन ने संयुक्त रैली के जरिए अपनी पांच मांगे भी रखी हैं। इसमें चुनाव आयोग से चुनाव के समान अवसर सुनिश्चित करने के साथ विपक्षी दलों के विरूद्ध कार्रवाई रोकने की मांग शामिल है। लोकतंत्र बचाओ रैली के जरिए गठबंधन ने मतदाताओं के साथ सरकार को भी साफ संदेश दिया है।

रैली ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार आयकर विभाग और दूसरी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर इंडिया गठबंधन पर जितना दबाव बनाएगी, गठबंधन उतना ही मजबूत होकर उभरेगा। बिहार और महाराष्ट्र सहित दूसरे राज्यों में गठबंधन को लेकर घटक दलों में नाराजगी है। इसके बावजूद इंडिया गठबंधन ने साफ कर दिया है कि सरकार के विरूद्ध लड़ाई में वे एकजुट हैं। 

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