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नई दिल्ली । एक दिन पहले मंगलवार को मोदी सरकार के पेश किए गए महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) लोकसभा से पारित हो गया है। बुधवार को पूरे दिन सदन में इस बिल को लेकर चर्चा होती रही। ‌चर्चा के दौरान संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बहस और नोक-झोंक भी हुई। आखिरकार लंबी चर्चा के बाद शाम को नारी शक्ति वंदन विधेयक लोकसभा से पास हो गया है। 

पर्ची से हुई वोटिंग में बिल के समर्थन में 454 और विरोध में 2 वोट डाले। वोटिंग के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहे। अब गुरुवार को यह बिल राज्यसभा में पेश होगा। वहां से पास होने के बाद राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए जाएगा। राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा। इससे पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से सांसदों ने महिला आरक्षण को लेकर अपनी-अपनी बात रखी। 

कुछ पार्टियों की ओर से इसे चुनावी जुमला बताया गया और सवाल किया गया कि इसे कब लागू किया जाएगा? कुछ ने सवाल उठाए कि आखिर इस विधेयक को लागू करने के लिए परिसीमन और जनगणना की क्या आवश्यकता है? यह अभी क्यों नहीं लागू हो सकता? वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जल्द से जल्द परिसीमन और जनगणना के बाद इसे लागू किया जाएगा।


कांग्रेस समेत विपक्षी सांसदों ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन भी किया और सवाल भी उठाए--

कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी ने कहा कि महिला आरक्षण को हमारा समर्थन है। राहुल गांधी ने कहा कि महिला आरक्षण एक बहुत बड़ा कदम है। इस दौरान राहुल ने कहा कि मैं चाहता हूं कि ओबीसी महिलाओं को भी आरक्षण मिलना चाहिए और इसे तुरंत लागू किया जाना चाहिए । 

राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि नई संसद के प्रवेश में राष्ट्रपति को क्यों नहीं बुलाया गया। इतना ही नहीं इस दौरान राहुल गांधी ने जाति जनगणना की भी मांग की। राहुल ने कहा कि महिलाएं 7,8,9 साल तक क्यों इंतजार करें। राहुल ने कहा कि भारत सरकार के 90 सचिवों में से सिर्फ 3 ओबीसी समुदाय से हैं। इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि महिला आरक्षण में ओबीसी का शामिल ना करना अपमानजनक है। लोकसभा में ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री ने महिला के सम्मान को लेकर नरेंद्र मोदी के कार्यों की तारीफ की। 

उन्होंने सदन को बताया कि जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने महिलाओं और बेटियों के सम्मान में कोई कसर नहीं छोड़ी। अमित शाह ने कहा पीएम मोदी के लिए महिला आरक्षण राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि मान्यता का मामला है। चर्चा के दौरान सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस इसका समर्थन करती है, लेकिन उन्होंने साथ ही जातिगत जनगणना की मांग की। 

सोनिया गांधी ने लोकसभा में कहा कि कांग्रेस महिला आरक्षण बिल का समर्थन करती है, मैं इस बिल के समर्थन में खड़ी हुई हूं। यह मेरी जिंदगी का मार्मिक समय है। पहली बार निकाय चुनाव में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने वाला बिल मेरे जीवनसाथी राजीव गांधी ही लाए थे। बाद में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में कांग्रेस ने उसे पारित कराया था, आज उसका नतीजा है कि आज देश भर के स्थानीय निकायों में हमारे पास 15 लाख चुनी हुई महिला नेता हैं। राजीव गांधी का सपना अभी आधा ही पूरा हुआ है, इस बिल के पास होने के साथ ही वह पूरा होगा। 

कांग्रेस पार्टी इस बिल का समर्थन करती है। हमें इस बिल के पास होने की खुशी हैं, लेकिन एक चिंता भी है। मैं सवाल पूछना चाहती हूं कि पिछले 13 साल से महिलाएं राजनीतिक जिम्मेदारी का इंतजार कर रही हैं। अभी उनसे और इंतजार करने के लिए किया जा रहा है। 2 साल, 4 साल, 6 साल कितने साल का ये इंतजार हो। हमारी मांग है कि ये बिल तुरंत पास किया जाए। जबकि डिंपल यादव ने महिला आरक्षण बिल में अल्पसंख्यक महिलाओं को भी आरक्षण देने की मांग रखी।


सपा ने पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक महिलाओं को शामिल करने की वकालत की--


सपा सांसद डिंपल यादव ने महिला आरक्षण बिल में पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक महिलाओं को शामिल करने की मांग उठाई। तो वहीं मायावती ने सदन के बाहर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसे चुनावी प्रलोभन बताया। एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले में भी केंद्र सरकार से एससी, एसटी और ओबीसी महिलाओं को आरक्षण देकर बड़ा दिल दिखाने की बात कही। डीएमके सांसद कनिमोझी ने इसे चुनावी वादा बताया। 

जदयू के सदस्य राजीव रंजन सिंह ने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करने के प्रावधान वाले ‘संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023’ पर निचले सदन में जारी चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा, हमारी पार्टी विधेयक का समर्थन करती है, क्योंकि हम महिला सशक्तीकरण में विश्वास रखते हैं। लेकिन यह सरकार का 2024 का चुनावी जुमला है।  

एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को लोकसभा में महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक का विरोध किया और आरोप लगाया कि सरकार संसद में सिर्फ ‘सवर्ण महिलाओं’ का प्रतिनिधित्व बढ़ाना चाहती है तथा उसे अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) एवं मुस्लिम समुदाय की महिलाओं की चिंता नहीं है।

 

भाजपा सांसदों ने कांग्रेस पर महिला आरक्षण विधेयक को लेकर राजनीति करने का लगाया आरोप--


भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर महिला आरक्षण विधेयक को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए लोकसभा में कहा कि आधी आबादी को अधिकार देने का विधेयक लाने का श्रेय केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी पार्टी को जाता है। निचले सदन में महिला आरक्षण से संबंधित ‘संविधान (128वां संशेधान) विधेयक, 2023’ पर चर्चा में भाग लेते हुए दुबे ने कहा कि कांग्रेस समेत विपक्षी दल इतने वर्षों तक इस विधेयक को लेकर नहीं आए और प्रधानमंत्री मोदी तथा भाजपा ने इसे लाने का नैतिक साहस दिखाया। 

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने महिला आरक्षण विधेयक को ‘अपना विधेयक’ बताने के कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी के दावे पर परोक्ष निशाना साधते हुए लोकसभा में कहा कि कुछ लोग इस विधेयक को ‘अपना’ बताकर श्रेय लेने का प्रयास कर रहे हैं। 

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने सरकार पर महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक आगामी लोकसभा चुनाव में फायदा पाने के लिए लाने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि संसद में हर फैसला चुनाव को देखकर नहीं किया जाता।  महिला आरक्षण बिल पर सदन में बहस के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों के बीच कई बार बहस भी हुई। आखिरकार शाम करीब 7:30 पर महिला आरक्षण बिल लोकसभा से पास हो गया।

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