Lucknow।। अभी रंगो की राजनीति का विवाद ठंडा नही हुआ कि अब प्रदेश के जिलों का नाम बदलने का मामला सुर्खियों में आ गया है। सबसे पहले सुल्तानपुर जिले का नाम बदलने की कवायद की जा रही है। नगर पालिका चेयरमैन बबिता जायसवाल ने सुल्तानपुर जिले का नाम बदलकर कुश भवनपुर रखने का प्रस्ताव नगरपालिका की पहली बैठक में ही पास करा लिया।
चेयरमैन बबिता जायसवाल का कहना है कि कुश भवनपुर हमारे लिए मान सम्मान व स्वाभिमान का प्रतीक है। सुल्तानपुर का नाम बदलकर कुश भवनपुर किया जाएगा। वहीं नगर पालिका ईओ दुर्गेश त्रिपाठी ने का कहना है कि चेयरमैन बबिता जायसवाल ने बोर्ड मीटिंग में जिले का नाम कुश भवनपुर रखे जाने का प्रस्ताव रखा। जिसे सदस्यों ने स्वीकार किया है। अब आगे की कार्रवाई के लिए लिये शासन को पत्र भेजा जायेगा।
बबिता जायसवाल ने नगरपालिका के सभासदों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आप लोगों सुल्तानपुर का नाम बदलने के लिए आप लोगों के सहयोग का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं। शासन स्तर पर हम लोग कुश भवनपुर के समर्थन में मजबूती से पैरवी करते रहेंगे।
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मुगलसराय जिले का भी नाम बदला जा चुका है
गौरतलब है कि पूर्वांचल के जिले मुगलसराय का नाम बदलकर दीन दयाल उपाध्याय रखा जा चुका है। तब भी जिले का नाम बदलने को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा था। इसके बाद देश और प्रदेश स्तरों पर खूब गहमा गहमी देखने को मिली थी। लेकिन अब सुल्तानपुर जिले का नाम बदलने की कवायद शुरू हो चुकी है अब ये देखना दिलचस्प होगा कि इस फैसले पर आगे क्या प्रतिक्रिया आएगी।
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दी जा रहीं ये दलीलें
सुल्तानपुर का नाम बदलने के लिए कई तरह की दन्तकथाओं और इतिहास का सहारा लेकर तरह तरह की दलोलें पेश की जा रही है। कहा जाता है कि अयोध्या से सटे सुल्तानपुर जिले को भगवान श्रीराम के पुत्र कुश ने बसाया था और इसे कुश भवनपुर नाम से जाना जाता था। यहीं सीताजी ठहरी थीं, उनकी याद में आज भी सीताकुंड घाट है। सुल्तानपुर के गजेटियर में भी इस बात का उल्लेख है कि इसका नाम कुशभवनपुर ही था।
भाजपा नेता विजय सिंह रघुवंशी ने बताया कि नगरपालिका अध्यक्ष बबिता जायसवाल ने सीताकुंड घाट स्थित भगवान कुश की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर आशीर्वाद लिया था। इसके बाद शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने गयी जिसके बाद लोगों के बीच यह संदेश भेजा गया कि था कि कुशभवनपुर उनके लिए मान सम्मान व स्वाभिमान का प्रतीक है।
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