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लखनऊ।। हमारे देश में बहुरंगी संस्कृति की झलक तो मिलती ही है लेकिन अपनी अलग-अलग और अनोखी परम्पराओं के चलते आज भी लोगों में कौतुहल का विषय बना रहता है। शादी-ब्याह की भी हर समाज में अलग-अलग रीति-रस्में हैं जो अपने आप में अनोखी हैं। शादी-ब्याह में आपने घुड़-चढ़ी की रस्म भी देखी होगी लेकिन यह नहीं देखा होगा कि इस रस्म में कभी लड़की भी घोड़े पर सवार हो।
हमेशा घुड़-चढ़ीकी रस्म में लड़का ही नजर आता है। मगर यहाँ सबसे दिलचस्प बात ये है कि उत्तर प्रदेश में एक ऐसा भी गांव है जहाँ आपको इन सबसे हटकर कुछ अलग देखने को मिल सकता है। जी हाँ, हम आपसे बात कर रहे हैं हरदोई के अलीपुर-टण्डवा गाँव की जहाँ शादी-ब्याह के दौरान दुल्हन घोड़े पर सवार होकर आती है।
हरदोई जिला मुख्यालय से तकरीबन 70 किलोमीटर की दूरी सण्डीला तहसील के अंतर्गत बांगरमऊ रोड पर स्थित अलीपुर-टण्डवा गांव में कन्नौजिया, दिवाकर और विमल बिरादरी में यह रस्म आज भी जिंदा है। इस रस्म के तहत शादी में दुल्हन अपने परिवार और नाते-रिश्तेदारों के साथ खुद घोड़ी पर चढ़कर बारात लेकर होने वाली ससुराल में जाती है।
फिर वहां खम्भ-पूजन करके मंडप को सजाया जाता है, जहां दूल्हा और दुल्हन का जोड़ा अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लेता है। ये सभी रस्म लड़के के घर पर ही होती है और अगले दिन कलेवा के बाद दुल्हन के ससुराल वाले उसे मायके के लिए विदा कर देते हैं।फिर दूसरे दिन लड़का यानि कि दूल्हा अपने रिश्तेदारों के साथ ससुुराल जाता है और लड़की को विदा करके ले आता है।
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