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यूपी किरण ब्यूरो
उत्तर प्रदेश/मेरठ।। बुलंदशहर के रहने वाले एक इंडियन न्यूक्लियर साइंटिस्ट लंबे समय से यूएस के टेक्सास की एक जेल में हैं। उन पर एक स्टूडेंट का बार-बार पीछा करने और उसे परेशान करने का आरोप है। उन पर एक पुलिस अफसर को उनकी ड्यूटी में बाधा डालने का भी आरोप है।
वहीं, हॉस्टन में मौजूद भारतीय दूतावास के अफसरों ने बताया, ”तरुण पर कई मामलों के आरोप हैं। कोर्ट की प्रोसिडिंग्स पूरी होने के बाद ही उन्हें इंडिया डिपोर्ट किया जाएगा।”
भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर से पीएचडी पूरी करने के बाद तरुण भारद्वाज 2007 में यूएस आए थे। इसके बाद उन्होंने केमिकल कैरेक्टराइजेशन ऑफ स्पेशल न्यूक्लियर मैटेरियल्स, स्पेन्ट न्यूक्लियर फ्यूल और हाई-लेवल न्यूक्लियर वेस्ट से सेपरेशन ऑफ फिशियन प्रोडक्ट्स में स्पेशलाइजेशन किया।
ये जानकारी एएंडएम यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर है, जहां तरुण ने आखिरी बार काम किया है। अब वेबसाइट से उनकी प्रोफाइल को हटा लिया गया है।
तरुण को जनवरी से अगस्त 2015 के बीच कई बार अरेस्ट किया गया। इस दौरान वे असिस्टेंट रिसर्च साइंटिस्ट तौर पर यूनिवर्सिटी में काम कर रहे थे।
जमानत बॉन्ड्स का उल्लंघन करने का आरोप
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोप ये भी है कि भारद्वाज ने उन जमानत बॉन्ड्स का उल्लंघन किया, जिसमें ये बात कही गई थी कि अब से वह लड़की को परेशान नहीं करेंगे। इन बॉन्ड पर भारद्वाज ने साइन भी किए थे।
यहीं नहीं, उन्होंने जीपीएस के जरिए मॉनिटर करने वाले उस एन्कैल बैंड को भी निकाल दिया, जिसे उन्हें पहने रहने का निर्देश दिया गया था।
फैमिली ने कहा- नस्लीय प्रेरित साजिश का शिकार हुआ तरुण
परिवार ने पीएमओ, मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स को लेटर लिख रिक्वेस्ट की है कि सारे चार्जेस क्लीयर होने के बाद सरकार तरुण को भारत लाने में मदद करे।
फोटोः फाइल
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