लखनऊ ।। यूपी एसआईडीसी का खेल निराला है। यहां आने वाला कोई भी अधिकारी विवादों से बच जाए तो बहुत बड़ी बात है। यहां पर कुछ समय पहले तक ज्वाइंट एमडी के पद पर तैनात रही एक आईएएस अधिकारी को तो इतना डर बैठ गया था कि वह फाइलों पर साइन करने से ही बचती रहीं।
बताया जाता है कि उन्होंने अंत में जब एक फाइल पर साइन किए भी, तो उनकी फाइल एसआईटी जांच में फंस गई। हालांकि मैडम की यूपीएसआईडीसी में तैनाती को लेकर भी बहुत बड़ा झोल रहा।
विभाग के लोग बताते हैं कि उस समय के एमडी मनोज सिंह ने मैडम की ज्वाइंट एमडी के पद पर इस लिए तैनाती करवा रखी थी, जिससे उस पद पर कोई और न आ सके और वह पूरा कामकाज देख सकें। मैडम के पास केस्को प्रबंध निदेशक का भी पद था। इसके बाद भी उन्हें ज्वाइंट एमडी यूपीएसआईडीसी बनवाया गया।
किस मामले की होगी जांच
भूमि अधिग्रहण के मुआवजे के मामले में आरोप है कि जो धनराशि दी गई उसमें गड़बड़ी हुई। इसको लेकर जब मामला हाईकोर्ट गया, तो मामले की एसआईटी जांच के आदेश दे दिए।
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