बीएसपी सरकार में बेंची गयी 21 चीनी मिलों को लेकर सामने आई ये बात, जाँच में मायावती…

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नई दिल्ली।। आम धारणा है की CBI और ED केंद्र सरकार के इशारे पर काम करती हैं। विपक्ष में जो दल चाहे वो कांग्रेस हो या भाजपा या अन्य पोलिटिकल पार्टियाँ, अक्सर CBI और ED पर आरोप लगाती रही हैं। सपा-बसपा गठबंधन होने के बाद से ही ये कयास लगाये जा रहे थे कि देर-सबेर अखिलेश यादव और मायावती पर भी कार्रवाई हो सकती है। तथाकथित खनन घोटाले में जब FIR हुई तो ये कहा गया कि ये अखिलेश यादव पर शिकंजा है। वहीँ जब चीनी मीलों के खरीद-फरोख्त में गडबड झाला की बात उठी तो कहा जाने लगा कि हो न हो, देर-सबेर इस मामले में पूर्व मुख्यमन्त्री मायावती भी आ ही जाएँगी।

अब लोकसभा चुनाव के बीच मायावती सरकार के दौरान बेची गई चीनी मिलों का प्रकरण अब प्रवर्तन निदेशालय की जांच के दायरे में भी आ गया है। प्रवर्तन निदेशालय(ED) अब इस मामले में ‘मनी लॉन्ड्रिंग’ की जांच करेगा। मामले की जांच कर रही CBI को मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े दस्तावेज मिले थे, जो ED को सौंप दिये गये हैं।

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उत्तर प्रदेश कि पूर्ववर्ती मायावती सरकार पर वर्ष 2010-11 में 21 चीनी मिलों को गलत तरीके से बेचे जाने का आरोप है। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी अब शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। आरोप है कि बीएसपी सरकार में एक कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिये फर्जी बैलेंस शीट और निवेश के फर्जी कागजातों के आधार पर नीलामी में शामिल होने के लिये योग्य मान लिया गया। इस तरह ज्यादातर चीनी मिलें इस कंपनी को काफी कम कीमतों में बेच दी गई। इस कंपनी का नाम नम्रता मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड है।

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जिस वक्त ये चीनी मिल नम्रता कंपनी को बेची गई थीं, उस समय यूपी में बीएसपी की सरकार थी और मायावती प्रदेश की मुख्यमंत्री थीं। वर्ष 2017 में यूपी में बीजेपी की सरकार की सरकार आने के बाद सीएम योगी ने अप्रैल 2018 में चीनी मिल बेचे जाने के केस की CBI जांच करने की सिफारिश की थी। प्रदेश सरकार की सिफारिश के बाद CBI ने केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। शुरूआती जांच में ही मामले में गड़बड़ी की बात सामने आई थी।

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आरोप है कि चीनी मिलों की गलत बिक्री से लगभग 1179 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है। सीबीआई जांच में ये बात सामने आयी है कि यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग का भी है। मनी लॉन्ड्रिंग की बात आने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने भी इस मामले की जांच शुरू कर दी है।

चुनावी सरगर्मियों के बीच चीनी मिल केस प्रकरण में प्रवर्तन निदेशालय ने मामले से जुड़े आरोपियों से एक बार फिर पूछताछ करेगी। इस बात की भी संभावना है कि जांच की जद में बीएसपी अध्यक्ष व प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती आ सकती हैं।

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