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लखनऊ ।। उत्तर प्रदेश के 10 राज्यसभा सीटों के लिए चल रहे चुनावी घमासान में शह और मात का खेल बहुत तेजी से चल रहा है। इस सियासी जंग में कुंडा से निर्दलीय विधायक और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबी समझे जाने वाले रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के एक Tweet ने माहौल को और गर्मा दिया है।
उन्होंने कहा कि वह अखिलेश के साथ हैं लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि वह बीएसपी के साथ हैं। आपको बता दें कि कभी BJP से विधायक रह चुके राजा भैया ने कहा, ‘न मैं बदला हूँ, न मेरी राजनैतिक विचारधारा बदली है, ‘मैं अखिलेश जी के साथ हूँ,’ का ये अर्थ बिल्कुल नहीं कि मैं बीएसपी के साथ हूं।’
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यूपी के बेहद दिलचस्प राज्यसभा चुनाव में जहां सभी राजनीतिक दल एक-एक वोट को सहेजने में लगे हैं, वहीं राजा भैया का यह बयान काफी मायने रखता है। यूपी के राजनीतिक गलियारे में राजा भैया के रुख को लेकर कई अटकलें लग रहीं थीं जिसे उन्होंने अब साफ कर दिया है। हालांकि राजाभैया का यह ट्विटर अकाउंट वेरिफाइड नहीं है।
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बुधवार को राजधानी लखनऊ में एसपी की तरफ से पांच सितारा होटेल में आयोजित डिनर में सबकी नजरें निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया पर थीं। राजा भैया ने इस डिनर पार्टी में पहुंचकर बीएसपी प्रत्याशी के समर्थन का संकेत दिया था। राजा भैया के आने पर उनके समर्थक विधायक विनोद सरोज का भी बीएसपी को समर्थन मिलना तय माना जा रहा है।
एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने फोन पर बात करके राजा भैया से समर्थन मांगा था और उन्होंने डिनर पार्टी में शामिल होकर साथ खड़े होने का संकेत दे दिया था। इससे पहले राज्यसभा चुनाव के दौरान बीएसपी सुप्रीमो मायावती को बड़ा झटका लगा था।
फोटोः फाइल
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