कार्यक्रम को संबोधित करते हुये तेजस्वी यादव ने आरक्षण और जातिवाद के मुद्दों पर जहाँ एक ओर केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को मनुवादी करार दिया वहीँ उनके बेटे चिराग पासवान की खिंचाई करते हुये कहा कि चिराग बोलते हैं कि संपन्न दलितों को आरक्षण नहीं लेना चाहिये तो मैं उनसे पूछना चाहता हूँ कि चिराग खुद ही आरक्षित सीट से चुनाव क्यों लड़ते हैं।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने तमिलनाडु की तर्ज पर अब बिहार में भी 70 फ़ीसदी रिजर्वेशन की मांग की। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जातियों/जनजातियों, और पिछड़े-अतिपिछड़ों वर्गों के आरक्षण को उनकी आबादी के अनुसार बढ़ाया जाये। राजद प्रोन्नति में आरक्षण का प्रबल समर्थक है।
नीतीश सरकार पर तंज कसते हुए तेजस्वी ने कहा कि बिहार में डबल-इंजन की सरकार है। नीतीश कुमार अपने नेता पीएम मोदी जी और गठबंधन की बड़ी पार्टी बीजेपी को कहकर केंद्र में अनुसूचित जाति/जनजाति और पिछड़े वर्गों के लिये प्रोन्नति में आरक्षण को लागू क्यों नहीं करवाते?
तेजस्वी यादव ने कहा कि राजद पर जातिवादी होने का आरोप लगाने वाले वो लोग हैं, जो पिछड़ों को आगे बढऩे नहीं देना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि नब्बे के दशक में ‘लालूजी’ के कार्यकाल में गरीबों को समाज की मुख्य-धारा से जुडऩे का पहली बार मौका मिला। उन्होने कहा कि बाबा साहेब अम्बेडकर और संत रविदास की जीवनी और उनकी शिक्षाओं को स्कूली-पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाये। बाबा साहेब की पुस्तक “Annihilation of Caste” को विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाये।
तेजस्वी यादव ने कहा कि मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि केंद्र सरकार जातिगत जनगणना के आँकड़े सार्वजनिक क्यों नही कर रही है। सरकार को चाहिये कि जातिगत-जनगणना के आंकड़ों के आधार पर लोगों की आर्थिक-सामाजिक स्थिति का आंकलन कर योजनायें बनायीं जाये। तेजस्वी यादव ने कहा कि हम इन माँगों की पूर्ति के लिये लगातार संघर्ष कर रहे है। हमारी सरकार बनने पर इन सभी माँगों को पूर्ण किया जायेगा।