img

उत्तर प्रदेश ।। देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को हर साल बिजली बिल में होने वाली बढ़ोतरी से राहत मिलेगी। राज्य सरकार इसके लिए तकनीकी और वाणिज्यिक नुकसान में कमी लाने के साथ संयंत्रों की दक्षता बढ़ाने और बिजली चोरी पर अंकुश लगाने की दिशा में काम कर रही है।

उत्तर प्रदेश के बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि प्रदेश में जहां भी तकनीकी और वाणिज्यिक नुकसान 15 प्रतिशत से कम है, वहां 24 घंटे बिजली दी जा रही है। शर्मा ने कहा, हमारा जोर सस्ती और स्वच्छ बिजली पर है। पिछली सरकारों में अनियमितता, कुप्रबंधन और नुकसान की वजह से हर साल बिजली दरों में बढ़ोतरी होती रही है।

पढि़ए-राहुल गांधी की गुजरात कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को कड़ी चेतावनी, कहा- न करें ये काम, वरना…

उन्होंने कहा कि हम बिजली दरों को सस्ती रखने के लिए जहां एक तरफ नुकसान में कमी ला रहे हैं वहीं चोरी पर अंकुश लगाने के लिये कदम उठा रहे हैं। इसके अलावा हम सस्ती बिजली के लिये पीपीए (बिजली खरीद समझौता) कर रहे हैं।

सिंगरौली में हमने 2.99 रुपए प्रति यूनिट पर पीपीए किया। अब बिजली बिल में हर साल बढ़ोतरी की परंपरा समाप्त होगी। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने हाल ही में बिजली दरों में 8 से 12 प्रतिशत बढ़ोतरी की है। इसके तहत 500 यूनिट से अधिक बिजली खपत करने पर घरेलू ग्राहकों को 7 रुपये यूनिट तक बिजली देनी पड़ रही है।

नुकसान के बारे में शर्मा ने कहा राज्य बिजली क्षेत्र के विभिन्न मदों में घाटा लगभग 72,000 करोड़ रुपए पहुंच गया है। हमारा 2032 तक इसे 10,000 करोड़ रुपए से नीचे लाने का लक्ष्य है। उन्होने कहा हालांकि सस्ती और 24 घंटे बिजली के लिए लोगों का भी सहयोग जरूरी है।

--Advertisement--