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कानपुर।। कोई IAS अधिकारी इस तरह से अपने कर्मचारी से नफरत करेगा इसकी कल्पना

करने से ही यूपीएसआईडीसी के कर्मचारियों की रूह कांप जाती है। वर्तमान में UPSIDC के

एमडी रणवीर प्रसाद अपने ही विभाग के एक कर्मचारी नेता के साथ जो शर्मनाक व्यवहार

कर रहे हैं उससे न केवल योगी सरकार शर्मसार हो रही है, बल्कि विभाग के मंत्री सतीश

महाना को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।

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जानकारी के मुताबिक, आईएएस रणवीर प्रसाद UPSIDC के एमडी हैं। अफसरों और कर्मचारियों की मनमानी तैनाती और उनके ट्रांस्फर पोस्टिंग को लेकर तो रणवीर प्रसाद हमेशा सुर्खियों में रहे हैं, लेकिन अब वह अपने एक कर्मचारी नेता की पत्नी के मरने का इंतजार कर रहे हैं। ये कर्मचारी नेता हैं चंद्रदीप श्रीवास्तव।

UPSIDC-MD रणवीर प्रसाद को रास आ रहे हैं भ्रष्टाचारी

यूपीएसआईडीसी के एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि चंद्रदीप की पत्नी को बल्ड-कैंसर है। वह ब्लीडिंग से मर रही है, लेकिन रणवीर प्रसाद चंद्रदीप को आगरा में तैनाती देकर उसे परेशान कर रहे हैं। पत्नी का इलाज करवाने में नाकाम चंद्रदीप की पत्नी की हालत हर दिन बिगड़ रही है, लेकिन रणवीर प्रसाद चंद्रदीप के ट्रांस्फर पर दस्तखत नहीं करना चाहते हैं। यही नहीं बिना किसी कारण के चंद्रदीप श्रीवास्तव का वेतन भी रोक दिया गया है।

CM योगी की छवि खराब कर रहे हैं UPSIDC के MD रणवीर प्रसाद

चंद्रदीप पहले कानपुर में ही तैनात रहे हैं। 3 साल वह कानपुर में रहे। इसको लेकर UPSIDC के एमडी रणवीर प्रसाद ये दलील दे सकते हैं कि वह कानपुर में पहले रहे हैं, लेकिन इसका दूसरा पहलू ये भी है कि रणवीर प्रसाद ने सिद्धार्थ गुप्ता समेत कई कर्मचारियों को, जो कानपुर में 15 वर्ष तक जमे रहे हैं, उन्हें कानपुर में ही तैनात क्यों किया है। ऐसे दर्जनों कर्मचारी हैं जो 10 सालों से एक ही जिले में तैनात हैं। यदि उनका तबादला रणवीर प्रसाद ने किया भी तो एक महीने के अंदर ही दोबारा उसी जिले में तैनाती दे दी। सूत्र बताते हैं कि इसमें बड़ा खेल किया गया है।

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