पत्रकार और उसके परिवार को फिर मिली जान से मारने की धमकी, दबंगों को SO अनिल दुबे का संरक्षण

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लखनऊ।। उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद से पत्रकारों पर जानलेवा हमलों की संख्या बड़ी तेजी से बढ़ी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही कानून व्यवस्था के बेहतर होने का दावा करते रहते हों लेकिन इसकी जमीनी हक़ीक़त कुछ और ही है। सूबे में दबंगों के हौंसले इस कदर बुलंदियों पर हैं कि उनके अंदर शासन और प्रशासन का कोई भय नहीं रह गया है। मामला बस्ती जिले का है जहाँ गांव के वर्तमान प्रधान और उनके भाई जो पत्रकार हैं, उनके और पुरे परिवार पर सुबह दबंगों ने घर में घुसकर इस दुस्साहसिक वारदात को अंजाम दिया।

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दबंगों के इस हमले में पत्रकार, उनके भाई ग्राम प्रधान समेत दस लोग घायल हो हुए हैं। इस वारदात में पुलिस की लापरवाही चर्चा का विषय बनी हुई है। पीड़ित पत्रकार ने बताया कि स्थानीय पुलिस को इस मामले में पहले ही लिखकर दिया गया था लेकिन कार्रवाई के नाम स्थानीय पुलिस चुप्पी साधे रही। पुलिस की लापरवाही के चलते दबंगों ने इस बड़ी घटना को अंजाम दे दिया।

बताया जा रहा है कि सुबह तड़के जब पूरा परिवार सोकर उठ रहा था, तभी घात लगाकर बैठे कुछ ज्ञात और कुछ अज्ञात हमलावरों ने पत्रकार डा०वीरेंद्र शर्मा के गांव बनहा स्थित आवास पर पूरे परिवार को जान से मारने के इरादे से हमला कर दिया। जानकारी के मुताबिक डा० वीरेंदर शर्मा का परिवार बस्ती जनपद के थाना कप्तानगंज के ग्राम बनहा में रहता है। उनके बड़े भाई सुरेंद्र शर्मा वर्तमान में ग्राम प्रधान भी हैं।

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दबंगों की इस कार्रवाई के पीछे एक जमीन का मामला जिसपर कब्जे को लेकर दबंगों ने इस वारदात को अंजाम दे दिया। जमीन पर दबंगों द्वारा अवैध कब्जा करने के प्रयास की शिकायत पुलिस में कई बार की गयी लेकिन स्थानीय पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। हालाँकि लोगों का यह भी कहना है कि एसओ थाना कप्तानगंज अनिल दुबे इस मामले में पूरी तरह से दबंगों का ही साथ दे रहे हैं, इसलिए कई बार लिखकर देने के बावजूद उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी।

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पीड़ित ने बताया कि आज सुबह तड़के जब परिवार सो कर ही उठता जा रहा था तभी रात भर से घात लगाये बैठे गांव के ही राजकुमार, राजाराम, बबलू, अकलू, संकली(अनीता), कलावती सहित अज्ञात दस लोगों ने घर में घुसकर चाकू डंडों और तमंचे से हमला करते हुये पूरे परिवार को मरणासन्न कर दिया। चीख पुकार सुनकर आनन-फानन में आये गांव के लोगों द्वारा 100 डायल पर फोन करके पुलिस बुलाई गई, लेकिन पुलिस के आने के पहले ही हमलावर वारदात करके मौके से भाग निकले। पुलिस और गांव वालों ने सभी घायलों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां पर पत्रकार डा० वीरेंदर शर्मा और उनके बड़े भाई रविंद्र शर्मा के सिर पर धारदार हथियार से गहरी चोट होने के कारण जिला चिकित्सालय बस्ती रेफर कर दिया गया।

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पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज करते हुये एक तरफ ज्ञात एवं अज्ञात अपराधियों के खिलाफ IPC की धारा 147, 148,149, 323, 307 के तहत मुकदमा दर्ज किया वहीँ मौके पर पकड़े गये कुछ हमलावरों को पुलिस ने धारा 151 के तहत चालान थाने से रफूचक्कर कर दिया। जिससे दबंगों के हौसले और बुलंद हो गये और गांव पहुंचते ही उन्होंने पीड़ित परिवार को डराया-धमकाया और जान से मारने की धमकी दी। पुलिस को फिर इसकी जानकारी दी गयी लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी। पुलिस की उदासीनता और हमलावरों की दोबारा धमकी को देखते हुये पीड़ित परिवार भय के साये में अपना गांव छोड़ने पर मजबूर हो रहा है।

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थाना कप्तानगंज SO अनिल दुबे को डा वीरेंद्र शर्मा द्वारा पिछले सप्ताह तीन बार लिखित तहरीर देने के बावजूद भी दबंगों पर कोई भी कार्यवाही नहीं की गई जिसके परिणाम स्वरुप दबंगों के हौसले बुलंद हो रहे हैं और वह बार-बार घटना को अंजाम दे रहे हैं। इधर पत्रकार पर जानलेवा हमले की खबर से राजधानी लखनऊ के पत्रकारों खासा रोष दिखाई दे रहा है। यदि शासन और प्रशासन इस मामले को गंभीरता से नहीं लेता है मुख्यमंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मामले को लेकर सवाल किया जा सकता है। इस पुरे मामले में एसओ अनिल दुबे की भूमिका संदिग्ध है। यदि समय रहते कार्रवाई की गयी होती तो इस तरह की गंभीर घटना न होती। इस पुरे मामले में एसओ की भूमिका की भी जाँच होनी चाहिए।

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