जानिए करवा चौथ व्रत के नियम, पूजा विधि

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अजब-गजब ।। हिंदू सनातन पद्धति में करवा चौथ सुहागिनों का महत्वपूर्ण त्योहार माना गया है। ये व्रत सुहागिन औरतें अपने पति की लंबी आयु की कामना के लिए रखती हैं। इस पर्व पर महिलाएं हाथों में मेहंदी रचाकर व सोलह श्रृंगार कर अपने पति की पूजा कर व्रत का पारायण करती हैं।

करवा चौथ व्रत गुरुवार को पड़ रहा है यह भी एक विशेष योग है। हिंदू पंचांग के अनुसार ये व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को रखा जाता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और शाम के समय शिव परिवार की पूजा करती हैं। लेकिन इस व्रत का पारण चांद देखने के बाद किया जाता है।

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करवा चौथ व्रत के नियम

यह व्रत सूर्योदय से पहले शुरू कर चांद निकलने तक रखा जाता है। इस व्रत में चंद्रमा का दर्शन कर उसे अर्घ्य देना जरूरी होता है। इस व्रत में सास अपनी बहू को सरगी देती है। जिसे व्रत वाले दिन सुबह लेकर बहुएं अपने व्रत की शुरुआत करती हैं।

इस व्रत में शाम के समय शुभ मुहूर्त में चांद निकलने से पहले पूरे शिव परिवार की पूजा की जाती है।  चांद निकलने के बाद महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपने पति के हाथ से पानी पीकर और मीठा खाकर व्रत खोलती हैं।  इसम सरगी लेने का रिवाज सास के हाथों है लेकिन अगर घर में सास नहीं हैं तो फिर बड़ी ननद या जेठानी के हाथों इसे लेना चाहिए। सरगी लेने का सही समय भोर में तीन से चार बजे के बीच होता है।

क्या होती है सरगी

सरगी एक भोजन की थाली है जिसमें खाने की कुछ चीजें होती हैं। जिसको खान के बाद दिनभर निर्जला उपवास रहा जाता है और फिर रात में चांद की पूजा करने के बाद ही खाया जाता है।

सरगी के रूप में व्रत शुरू होने से पहले सास अपनी बहू को कुछ मिठाइयां और कपड़े और श्रृंगार का सामान भी देती हैं। करवा चौथ के दिन सूर्योदय होने से पहले सुबह लगभग चार बजे के आस-पास महिलाएं इस सरगी को खाकर अपने व्रत की शुरुवात करती हैं। इसके बाद पूरा दिन निर्जला रहा जाता है यानी अन्न जल कुछ ग्रहण नहीं किया जाता और चांद निकलने पर व्रत खोला जाता है।

पहले करवा चौथ पर पहनें यह: जिन महिलाओं का पहला करवा चौथ है उन्हें शादी का जोड़ा पहनकर करवा चौथ पूजन करना शुभ माना जाता है। अगर शादी का जोड़ा न पहन सकें तो लाल रंग की साड़ी या लहंगा पहनना अच्छा होता है। सुबह जल्दी उठकर बड़ों का लें आशीर्वाद: पहली बार करवा चौथ रख रही महिलाएं इस दिन सुबह जल्दी उठकर अपने बड़ों का आशीर्वाद लें और अपने व्रत की शुरुआत करें। ऐसा करने से आपके परिवार में सौभाग्य और समृद्धि बनी रहेगी।

व्रत रखकर ये काम न करें: करवा चौथ व्रत वाले दिन दोपहर की बेला में नींद नहीं लेनी चाहिए। बल्कि सभी महिलाओं को एकत्र होकर गीत गाने चाहिए। व्रत कथा जरूरी: करवा चौथ पर व्रत कथा सुनना सबसे जरूरी माना जाता है। लेकिन अक्‍सर समय के अभाव में कई महिलाएं व्रत कथा नहीं सुनती। लेकिन ये काम भूलकर भी न करें। करवा चौथ व्रत पूजन व्रत कथा सुनने से ही संपन्न होता है।

करवा चौथ 2019 तिथि और मुहूर्त:
तिथि- 17 अक्टूबर
पूजा मुहूर्त- 17:46 से 19:02
चंद्रोदय- 20:20

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