गुजरात।। उत्तर प्रदेश में अगर भाजपा को सत्ता से बाहर करना बहुजन समाज पार्टी और
समाजवादी पार्टी को जुट रहना होगा यानि प्रदेश की ये पार्टिया यदि गठबंधन करती हैं तो
यूपी से बीजेपी को बड़ी आसानी से सत्ता बेदखल किया जा सकता है। ये मानना है राजनीतिक
विशेषज्ञों का। हालाँकि इसको लेकर विपक्षी दलों ने कई बैठकें भी लेकिन कोई नतीजा अभी
तक सामने नहीं आया है।
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लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने आज गुजरात
में बसपा के साथ गठबंधन को लेकर आखिरकार पत्ते खोल ही दिये। मायावती को
लेकर दिये इस बयान से उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ी हलचल हो सकती है। वहीँ
अखिलेश के बयान के कई मायने निकले जा रहे हैं।
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2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश ने बसपा के साथ गठबंधन
के सम्बन्ध बड़ा बयान दे दिया है। सपा प्रमुख ने सूरत में मीडिया से बात करते हुये कहा
कि “अगर मायावती जी तैयार हो जातीं हैं तो लोकसभा चुनाव में गठबंधन के लिये वह
भी तैयार हैं।
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अखिलेश यादव ने कहा कि “हम समाजवादी लोग तो हर किसी के साथ के लिये तैयार हैं,अगर मायावती जी तैयार हो जाती हैं तो उनके साथ के लिये भी हम भी तैयार हैं। लेकिन अभी इस पर कुछ भी कह पाना मुश्किल है।” अखिलेश यादव एक सामाजिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने गुजरात के सूरत पहुंचे हैं।
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अखिलेश यादव के इस बयान के बाद, अब उत्तर प्रदेश की सियासत में जल्द ही एक नया समीकरण देखने को मिल सकता है, जो कि यूपी ही नही देश की राजनीति में बड़ा परिवर्तन ला सकता है। राजनीति के जानकारों का मानना है कि यूपी में अगर सपा-बसपा का गठबंधन हो जाये तो बीजेपी का पत्ता साफ हो सकता है।
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बता दें कि भाजपा को यूपी के चुनाव में सिर्फ 39.6 फीसदी वोट ही मिले हैं, जबकि बीएसपी को 22.2 फीसदी , सपा को 21.8 फीसदी और कांग्रेस को 6.3 फीसदी लोगों ने वोट दिया है। इस तरह अगर सपा और बसपा को कुल मिले वोटों को जोड़ दें तो यह बीजेपी को मिले वोट से बहुत अधिक है। यानी अगर सपा- बसपा गठबंधन के साथ लोकसभा चुनाव में उतरती हैं ते भाजपा के लिये एक भी सीट जीतना मुश्कल हो जायेगा।
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