लखनऊ ।। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने एक बार फिर कुछ ऐसा कारनामा करने जा रहें है। जिससे वह सुर्खियों में आ गए है। आपको बता दें कि बीते कल को हुए हादसे को लेकर एक उन्होंने एक ट्वीट किया था, जिससे वह चर्चा में रहे थे। उसके बाद अब अखिलेश यादव अपनी रणनीति को लेकर चर्चा में है।
आपको बता दें कि गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर अखिलेश-माया की जोड़ी ने भाजपा को बड़ा झटका दिया था। जिसके बाद दोनों पार्टियों के बीच 2019 की पटकथा लिखी जाने लगी, लेकिन एक बार फिर सपा-बसपा गठबंधन का कैराना में टेस्ट होने जा रहा है।
पढ़िए- विपक्ष की एकजुटता के खलनायक बने राहुल गांधी 2019 में बनवाएंगे मोदी की सरकार!
आप सोच रहें है कि यह इतना अहम क्यों। यह इसलिए भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि अगर यहां पर गठबंधन फिर से भाजपा को करारी शिकस्त देता है तो आने वाले लोकसभा चुनावों में यूपी जीत का सपना देख रही भारतीय जनत पार्टी को बड़ा झटका लगेगा।
पढ़िए- मिशन 2019 को लेकर मुलायम सिंह ने संभाली कमान, शिवपाल के साथ इस जिले की…
आपको बता दें कि बसपा उपचुनाव में न लड़ने के वादे पर कायम है। ऐसे में विपक्ष की ओर से सपा, कांग्रेस और RLD ही अपना उम्मीदवार उतार सकती हैं। सहारनपुर से कांग्रेस के नेता इमरान मसूद कैराना से चुनावी रणभूमि में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। तो वहीं समाजवादी पार्टी भी अपने ऐसे हथियार को चुनेगी जो इस सीट को सपा की झोली में रख दे।
पढ़िए- कैराना चुनाव को लेकर अखिलेश यादव ने बसपा को दी ये सीख, मायावती को होगा फायदा
सूत्रों की माने तो अखिलेश यादव कैराना चुनाव में अपने किसी करीबी को उम्मीदवार बना सकते है। यह भी बताया जा रहा है कि अगर उनके सामने कोई बड़ी परेशानी आई तो वह अपने पिता मुलायम सिंह यादव से विचार-विमर्श करेंगे।
फोटोः फाइल
--Advertisement--