नई दिल्ली।। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के यूपी दौरे से पहले दलित सांसद ने विरोधी स्वर अपना लिया है। ‘भारत बंद’ के बाद यूपी में दलितों के बड़े पैमाने पर उत्पीड़न का आरोप लगाने वाले भाजपा सांसद अशोक दोहरे ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की लखनऊ यात्रा से 2 दिन पूर्व नये सिरे से तेवर दिखाया है। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि उनका आंबेडकर विचारधारा के अलावा किसी अन्य विचारधारा में कोई यकीन नहीं है। उन्हें दलितों-पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के अलावा किसी के समर्थन की जरूरत भी नहीं है।
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बीजेपी सांसद ने कहा कि दलित-उत्पीड़न की पीएम से शिकायत के बाद से ही एक वर्ग उनकी लगातार आलोचना कर रहा है। उन्होंने कहा कि जो लोग मेरी आलोचना कर रहे मैं उनको बता देना चाहता हूँ कि मैं अनुसूचित-जाति ,अनुसूचित-जनजाति, पिछड़े-वर्ग,धार्मिक अल्पसंख्यक और आंबेडकरवादी विचारधारा वाले सवर्ण समाज के बल पर राजनीति करता हूँ। मुझे अन्य विचारधारा वाले लोगो का समर्थन नहीं चाहिएये। मैं कमजोर लोगों की लड़ाई हमेशा लड़ता रहूंगा और न्याय दिलाने का प्रयास करता रहूँगा । मेरी आंबेडकरवादी विचारधारा में ही आस्था है और इस विचारधारा से समझौते का कोई सवाल ही नहीं उठता।
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हालाँकि शिकायत मिलने के बाद सांसद दोहरे को पीएम ने संज्ञान लेने का आश्वासन दिया था। इससे पूर्व तीन अन्य दलितों द्वारा समान मुद्दों पर नाराजगी जताने के बाद बीते शनिवार को राज्य के सीएम योगी आदित्यानाथ ने पीएम से मुलाकात की थी।
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पार्टी सूत्रों ने बताया कि बुधवार को एक दिवसीय लखनऊ प्रवास के दौरान अमित शाह दलित सांसदों-विधायकों के साथ भी बैठक कर सकते हैं। उनकी योजना इस बैठक के जरिये इस वर्ग से जुड़े प्रतिनिधियों की शिकायतों का संज्ञान लेने की है।
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