उत्तराखंड ।। भले ही मौजूदा वक्त में हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव चल रहा हो, लेकिन देश के सबसे बड़े भगौड़े विजय माल्या को हिंदुस्तान भेजने की चाबी किसी ब्रिटिशर या हिंदुस्तानी के हाथ में नहीं, बल्कि एक पाकिस्तानी के हाथ में है।

आपको बता दें कि लंदन के उच्च न्यायालय ने विजय माल्या की उस अपील को खारिज कर दिया है जिसमें उसे हिंदुस्तान भेजने के खिलाफ की थी। अब वो उच्च न्यायालय में अपील कर सकता है। जिसके लिए उसके पास 6 सप्ताह का वक्त बाकी है। आइए आपको भी बताते हैं उस पाकिस्तानी के बारे में जो माल्या को वापस हिंदुस्तान भेज सकते हैं।
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ये पाकिस्तानी और कोई नहीं बल्कि ब्रिटिश गृह मंत्री साजिद जाविद हैं। इन्होंने ही माल्या के प्रत्यर्पण पर हस्ताक्षर किए थे। जिसके खिलाफ माल्या ने हाईकोर्ट में अपील की थी। साजिद पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश राजनीतिज्ञ हैं। साजिद ब्रिटेन के इतिहास में ये मुकाम हासिल करने वाले पाकिस्तानी मूल के पहले पॉलिटीशियन हैं। उनका जन्म 1969 में ब्रिटेन के रोशडेल कस्बे में हुआ। साजिद का परिवार पहले पाकिस्तान में रहता था। रोजगार की तलाश में उनके पिता अब्दुल गनी ब्रिटेन आए और बस ड्राइवर बन गए।
उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अब जावेद पर है कि वह कितनी जल्दी माल्या को हिंदुस्तान प्रत्यर्पित करें। हालांकि इससे पहले जावेद ने 3 फरवरी 2019 को अच्छी तरह विचार करने के बाद माल्या को हिंदुस्तान भेजने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए थे। वहीं दूसरी ओर माल्या के पास सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का समय है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे क्या होगा?
विजय माल्या ने कहा है कि उसकी व्यक्तिगत संपत्ति मात्र 2956 करोड़ रुपए बची है। उसने यह पूरी संपत्ति बैंकों से सेटलमेंट के लिए कर्नाटक हाई कोर्ट के सामने पेश की है। बैंकों ने माल्या द्वारा दी गई इस जानकारी को यूके कोर्ट से साझा किया है। आपको बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट अदालत ने विजय माल्या के 1,000 करोड़ रुपए की वैल्यू के शेयर बेचने की मंजूरी दे दी है।
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