UP: जिले के आलाधिकारियों की सांठ-गांठ से निलंबन और बहाली की आड़ में चल रहा ये खेल!

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लखनऊ।। एक तरफ सूबे के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ प्रदेश में भ्रष्टाचार समाप्त करने का दावा करते फिर रहे हैं वहीँ उनके इस दावे की पोल जालौन का शिक्षा विभाग खोलता हुआ नजर आ रहा है। यहाँ निलंबन और बहाली की आड़ में यहाँ के शिक्षाधिकारी लाखों का वारा-न्यारा कर रहे हैं। हालाँकि शासन के स्पष्ट निर्देश है कि कोई भी प्राईमरी या जूनियर हाईस्कूल के अध्यापकों का बिना उ0प्र0 बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव की सहमति के ट्रान्सफर नही किया जायेगा, लेकिन जनपद जालौन के बेसिक शिक्षा अधिकारी राजेश शाही उक्त आदेश को ठेंगा दिखाते हुये अध्यापकों को पहले तो निलंबित करते हैं फिर उसे बहाल करके मनचाही जगह पर तैनात कर देते हैं

इस निलंबन और बहाली के खेल में लाखों रूपये वसूले जाते हैं। सूत्रों की मानें तो इस तरह के एक-या-दो मामले नहीं हैं बल्कि ऐसे मामलों की संख्या डतजनों में है। यहाँ के अध्यापक इस बात को लेकर आक्रोश में हैं। नाम न जाहिर करने की शर्त पर एक अध्यापक कहते हैं कि बीएसए साहब पहले फर्जी आरोप लगा कर निलंबित करते हैं फिर मनचाही पोस्टिंग की लालच देकर मनमानी रकम लेकर बताई गयी जगह पर पोस्टिंग कर देते हैं।

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वहीँ अगर विभागीय सूत्रों की माने तो किसी भी अध्यापक का ट्रांसफर तब तक नही हो सकता जब तक उ0प्र0 बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव की सहमति न मिल जाये, लेकिन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राजेश शाही ने तो नया फंडा अपना कर पहले अध्यापक को निलंबन करना फिर सुविधा शुल्क लेकर उनके मन चाही जगह पर पुनः ज्वानिंग करना आम बात होती जा रही है। आखिर यह सब खेल किसके इशारे पर चल रहा है यह बात जनता और अध्यापक दोनों के समझ में नही आ रहा है।

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ये पीड़ा किसी एक अध्यापक की नहीं है बल्कि अबतक कई अध्यापक इसके शिकार हो चुके हैं। कई पीड़ित अध्यापकों ने दबी जुबान से बताया है कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मनमाने अंदाज में निलबंन करके उन्हे मूल निवास पर बहाल करने का कार्य कर रहे है। सूत्रों की माने तो कालपी सर्किल के जीतामऊ प्राईमरी विद्यालय के उदयभान राजपूत को निलंबन करके उक्त विद्यालय में ताला डलवाने का कार्य किया है क्योंकि उस विद्यालय में और कोई अध्यापक तैनात नही था। कुछ दिन बाद सुविधा शुल्क लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी राजेश शाही ने उन्हे मूल निवास डकोर पर ज्वानिंग करा दी।

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इसी क्रम में दमरास पूर्व माध्यमिक विद्यालय श्रीमती सुशीला को तथा सिघेपुर प्रधानाध्यापक को निलंबित करके डकोर विद्यालय में पुनः बहाल कर दिया तथा जूनियर अध्यापक नरहान तथा नूरपुर पूर्व माध्यमिक विद्यालय के हैण्ड मास्टर को निलबंन करके उनके मूल निवास के विद्यालयों पर बहार कर उन्हे ज्वानिंग करा दी इसी प्रकार लगभग एक दर्जन अध्यापक है, जिनका निलबंन का आदेश जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा किया गया है फिर उनका मूल निवास के विद्यालयों में बहाल करके ज्वानिंग पत्र जारी करके भारी सुविधा शुल्क लेकर उक्त कार्य किया गया है।

बता दें कि उ0प्र0 शासन की मंशा पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी किस तरह पानी फेर रहे है। इस बात को शिक्षा विभाग के आला अधिकारी तथा कर्मचारी जान रहे है। अब देखना यह होगा कि उक्त जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राजेश शाही की तानाशाही यूँ ही बरकरार रहेगी या फिर जिला प्रशासन ऐसे कूट मंशा के अधिकारियों को खुला लूट करने का लाइसेंस देते रहेगे। यह जांच का विषय है।

इस संबंध में जिलाधिकारी डा. मन्नान अख्तर का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है इसकी गोपनीय जांच करवायी जायेगी। दोषी पाये जाने पर शासन को रिपोर्ट प्रेषित की जायेगी। हालाँकि विभागीय सूत्रों का कहना है कि बीएसए के इस खेल में जिलाधिकारी अब्दुल मन्नान के साथ-साथ जिले के मुख्य विकास अधिकारी भी शामिल हैं क्यों बिना जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी की मिलीभगत के अकेले बीएसए के बस का ये खेल नहीं है।

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