अधिकारियों का तबादला करने के बाद एमडी के इशारे पर समझाया जाता है कि कुछ करवाना हो तो बताओ… काम हो जाएगा।
लखनऊ ।। UPSIDC में तबादलों के नाम पर जमकर लूट हो रही है। सूत्रों की माने, तो एमडी रणवीर प्रसाद UPSIDC को लूट का अड्डा बना दिया है। यहां पर माल पहुंचाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले फौरन निरस्त कर दिए जा रहें। इसके लिए केवल सुविधा शुल्क के तौर पर तोल-मोल करना होता है।
UPSIDC में तबादला करवाने और रुकवाने के लिए जमकर वसूली चल रही है। पहले तो अधिकारियों का तबादला कर दिया जाता है। इसके बाद उससे लेन देन करने के लिए लोगों को छोड़ दिया जाता है। वह अधिकारियों को ले देकर तबादला रुकवाने की बात कर मामले को समझता और समझाता है, फिर शुरू हो जाता है तबादले की वापसी का खेल।
जानकारी के मुताबिक, 20-20 साल से डटे अधिकारियों का भी तबादला पहले एमडी ने कर दिया। इसके बाद एक महीने के अंदर ही उन्हें फिर उसी जगह पर वापस बुला लिया गया। इसकी बाकायदा लिस्ट जारी कर दी।
लेखा विभाग के बाबू आनंद कुमार को मुख्यालय वापसी कर दिया। ये 20 साल से अधिक समय से तैनात हैं। इसी तरह सतीश गुप्ता 20 साल से तैनात हैं। वह लेखाकार हैं। उनका भी तबादला रद् करते हुए वापस पहले के स्थान पर ही कर दिया गया है। सहायक लेखाकार सिद्धार्थ गुप्ता हर साल जब तबादला होता है। तो 15 दिन के लिए बाहर जाते हैं, इसके बाद फिर उन्हें वापस उसी पोस्ट पर तैनाती का खेल शुरू हो जाता है।
एक महीने 15 दिन का ब्रेक देकर होती है लेनदेन
ट्रांस्फर का खेल कुछ इस तरह चलता है। अधिकारी को 1 महीने या 15 दिन के लिए अन्य स्थानों पर तबादला कर दिया जाता है। इसके बाद वहां से उनकी वापसी कर फिर पहले वाले स्थान पर रख दिया जाता है। हालांकि यह खेल पुराना है, लेकिन नए एमडी को यह खेल बहुत अच्छा लग रहा है। यही वजह है कि आजकल यूपी एसआईडीसी भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है।
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