लखनऊ ।। शासनादेशों और निगम के सेवा शर्तों को सही माना जाये तो यूपीएसआईडीसी में मृतक आश्रित कोटे की नियुक्ति में झोल साफ झलक रहा है। वर्ष 2013 में सार्वजनिक उदयम महकमे के सचिव संजय प्रसाद की तरफ से जारी शासनोदश इसकी तस्दीक करता है।
सार्वजनिक उद्यम द्वारा जारी शासनादेश में इसका स्पष्ट उल्लेख है कि सहायक प्रबंधक और उप प्रबंधक का पद 50 फीसदी प्रमोशन से और 50 फीसदी सीधी भर्ती से भरा जायेगा। शासनादेश में स्पष्ट रूप से अंकित है कि जहाँ छठे वेतन आयोग की संस्तुतियां लागू हैं, वहां वेतनमान रु. 5200- 20200 ग्रेड-पे रु. 2800 के अंतर्गत किसी मृतक आश्रित की नियुक्ति नहीं की जा सकती है।
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बल्कि आश्रित की नियुक्ति उससे न्यून वेतनमान पे-बैंड रु. 5200-20200 ग्रेड पे (रु. 2400 )के अंतर्गत ही की जा सकेगी। पर यह जीओ सिर्फ फाइलों की शोभा बढ़ाने के लिए है। निगम के एमडी रणबीर प्रसाद ने इसी कोटे के तहत एक नियुक्ति सहायक प्रबंधक 4600 ग्रेड पे वेतनमान पर कर दी और अब निगम इसी नियुक्ति को सही साबित करने के लिए सारे हथकंडे अपना रहा है।
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बचाव में दिए जा रहे तर्क बेदम
नियुक्ति से उठे बवंडर को थामने के लिए ऐसे तर्कों का सहारा लिया जा रहा है जो हकीकत की रोशनी में कहीं भी टिकते नहीं दिख रहे हैं। तर्क दिया जा रहा है कि शासन का कोई जीओ निगम के लिए तभी लागू होता है, जब उसे बोर्ड की बैठक में अंगीकृत किया जाता है।
अब देखा जाएगा कि सन 2013 का वह जीओ निगम में अंगीकृत किया गया है या नहीं? इसके विपरीत वर्ष 2010-11 में निदेशक मंडल की बैठक में बोर्ड ने ये आदेश पारित किया था कि शासन द्वारा जो भी आदेश जारी किया जायेगा वो निगम में स्वतः अंगीकृत होंगे।
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तत्कालीन प्रबंध निदेशक एस के वर्मा के प्रस्ताव पर निदेशक मंडल ने उक्त आदेश पारित किया था। अब ऐसे मेँ देखना ये होगा कि एमडी रणवीर प्रसाद इस नियमविरुद्ध की गयी नियुक्ति को जायज ठहराने के लिए क्या कदम उठाते हैं। बल्कि यह शासनादेश जारी होते ही स्वत: सभी निगमों में लागू हो जाते हैं।
मृतक आश्रित कोटे से अंकिता सेंगर की नियुक्ति
नियमविरुद्ध नियुक्ति का यह मामला चर्चा में तब आया जब मृतक आश्रित कोटे से अंकिता सेंगर की नियुक्ति ग्रेड पे 4,600 पर कर दी गई। जबकि वर्ष 2013 में जारी शासनादेश के अनुसार जिन निगमों में 6वां वेतनमान लागू हो गया, वहां वेतन बैंड-1, 5,200-20,200 और ग्रेड वेतन- 2,800 रुपए से कम होना चाहिये।
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नियमों के मुताबिक, 2,800 ग्रेड-पे पर भी किसी की नियुक्ति नहीं होनी चाहिये। इसके बावजूद मृतक आश्रित कोटे से आये आवेदक की नियुक्ति 4,600 ग्रेड पे पर कर दी गई। सेवा शर्तों के अनुसार निगम में सहायक प्रबंध का 50 फीसदी पद प्रमोशन और 50 फीसदी पद सीधी भर्ती से भरे जाने का प्रावधान है।
एमडी रणवीर प्रसाद का कहना है
इस प्रकरण में UPSIDC के एमडी रणवीर प्रसाद का कहना है कि शासन जो भी शासनादेश जारी करता है। बोर्ड की बैठक में उसे अंगीकृत किया जाता है। इसे दिखवायेंगे कि यह शासनादेश बोर्ड की बैठक में अंगीकृत किया गया है या नहीं।
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उन्होंने यह भी बताया कि अभी एक मृतक आश्रित की समूह ग में नियुक्ति का आदेश खुद शासन की तरफ से आया है। एमडी रणवीर प्रसाद ने कहा कि मृतक आश्रित के पद पर जो नियुक्ति हुई है। वह अभी परीवीक्षा पीरियड में है। यदि कोई विसंगति होगी तो उसे भी दिखवायेंगे।
अब ऐसे में देखने वाली बात ये है कि नियमविरुद्ध तरीके से सहायक प्रबंधक के पद पर की गयी नियुक्ति को एमडी रणवीर प्रसाद किस तरह से जायज ठहराते हैं।
फोटोः फाइल
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