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लखनऊ।। राज्यसभा चुनाव में बसपा उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर की हार के बाद पार्टी अध्यक्ष मायावती आज पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करेंगी। बैठक आज लखनऊ में सुबह 10:30 बजे से होगी। सूत्रों की मानें तो इस बैठक में मायावती बसपा कॉआर्डिनेटरों से सपा और बसपा के गठबंधन को लेकर फीडबैक लेंगी।
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वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ मुकाबला करने के लिये सपा-बसपा हाथ मिला सकते हैं। उप-चुनाव में दोनों सीटों पर सपा-बसपा के साथ आने का फायदा भी मिला है। दोनों पार्टियों के पास अपने-अपने मजबूत वोटबैंक हैं। ऐसे में यदि सपा और बसपा के बीच गठबंधन होता है तो भाजपा के लिये वर्ष 2014 जैसा नतीजा दोहराना तो दूर की बात होगी, जमानत बचाना तक मुश्किल हो सकता है।
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सपा और बसपा के बीच 25 साल बाद रिश्ते बेहतर हो रहे हैं।जिसको लेकर भाजपाई खेमे में जबरदस्त हलचल है। हाल ही में फुलपुर-गोरखपुर के लोकसभा उपचुनाव में बसपा ने सपा उम्मीदवारों को समर्थन दिया था। नतीजा यह रहा कि दोनों ही सीटों पर सपा उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। इतना ही नहीं सीएम योगी अपनी खुद की सीट नहीं बचा पाए। दुर्ग कहे जाने वाले गोरखपुर में भाजपा 28 साल के बाद लोकसभा का चुनाव हार गई।
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इसके बाद सपा ने राज्यसभा चुनाव में बीएसपी उम्मीदवार को समर्थन दिया था, हालांकि बीएसपी उम्मीदवार जीत नहीं सका। लेकिन इस चुनाव में विपक्ष ने अपनी एकता का एहसास सत्तापक्ष को जरूर करा दिया। हार के बावजूद मायावती ने गठबंधन आगे बढ़ाने का ऐलान किया था।
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हालाँकि राज्यसभा चुनाव में बीएसपी प्रत्यासी को हराने के बाद बीजेपी के रणनीतिकार मान रहे थे कि सपा-बसपा की दोस्ती में दरार पड़ जायेगी। लेकिन बसपा मुखिया मायावती ने स्पष्ट कर दिया कि सपा-बसपा के बीच बढ़ती नजदीकियों में किसी तरह की कोई दरार नहीं आयेगी।
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