लखनऊ ।। स्वामी प्रसाद मौर्य के कांग्रेस में जाने को लेकर चर्चा जोरों पर है। उनका भाजपा से मोह भंग होता हुआ दिखाई दे रहा है, हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि वह एक बार फिर बसपा का दरवाजा खटखटा रहे हैं। पिछले तीन दिनों में वह तीन बार मायावती के दिल्ली आवास पर मिलने के लिए पर्ची भेजवा चुके हैं, लेकिन मायावाती ने मिलने से मना कर दिया। इतना ही नहीं, उन्हें मिलने को लेकर मध्यस्थता करने वाले कोर्डिनेटर को भी मायावती ने पार्टी से निकाल देने की चेतावनी दी है।
बहुजन समाज पार्टी में विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से मिली ख़बर के मुताबिक, स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार फिर बसपा में आने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने लगातार तीन दिन मिलने के लिए पर्ची भेजवाई थी, लेकिन मायावती ने यह कहते हुए मिलने से इनकार कर दिया कि पार्टी भले ही चुनाव हार जाए, लेकिन स्वामी को अब बसपा में नहीं लिया जा सकता।
स्वामी की मुलाकात मायावती से न हो पाने के बाद बसपा के एक नेता ने उन्हें कांग्रेस में जाने की सलाह दी, इसको लेकर स्वामी ने उन्हें ही कांग्रेस में जाने के लिए प्रयास करने और रास्ता तलाशने की जिम्मेदारी दे डाली। इसके बाद वह महोदय खुद स्वामी से मिलने से बच रहे हैं।
गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने छह महीने पहले ही बसपा और नेता विपक्ष के सभी पदों से इस्तीफा देकर पार्टी के लिए मुश्किलें पैदा कर दी थी। बसपा छोड़ने के पहले स्वामी ने मायावती पर भाजपा को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया था, और बाद में खुद भी भाजपा में ही शामिल हो गए थे।
भाजपा नेताओं के मुताबिक, स्वामी प्रसाद मौर्य को कभी भी भाजपा नेता पचा नहीं पाए। उन्हें मीडिया की जिम्मेदारी भी नहीं दी गई। वह पिछले छह महीने में न मीडिया में दिखे और न ही भाजपा में मजबूत पकड़ बना पाए। सूत्रों की माने तो वह अब किसी भी अन्य पार्टी में जाने का रास्ता खोज रहे हैं। क्योंकि भाजपा ने उनके दो से तीन उम्मीदवारों को टिकट देने का ही भरोसा दिया है। 17 जनवरी और इसके पहले स्वामी प्रसाद मौर्य की अमित शाह से हुई मुलाकात भी उत्साहवर्धक नहीं रही है।
फोटोः फाइल।
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